हरियाणा में बनेगा देश का पहला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, NFSU और हरियाणा सरकार के बीच साइन हुआ MOU

आधुनिक भारत में फोरेंसिक विज्ञान के महत्व को समझते हुए हरियाणा सरकार और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) ने एक ऐतिहासिक MOU पर हस्ताक्षर किए हैं।
 

आधुनिक भारत में फोरेंसिक विज्ञान के महत्व को समझते हुए हरियाणा सरकार और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) ने एक ऐतिहासिक MOU पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में संपन्न हुआ, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता भी शामिल थे।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना

इस MOU के अंतर्गत हरियाणा में अपराध विज्ञान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। NFSU के सहयोग से हरियाणा में देश का पहला 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित किया जाएगा जो विशेष रूप से चिन्हित अपराध केस से जुड़े मामलों में सहायता करेगा। यह केंद्र फोरेंसिक प्रमाणों को संभालने, परीक्षण करने और उनका विश्लेषण करने में मदद करेगा जिससे बड़े अपराधों का निष्कर्ष स्पीड से और आसानी के साथ निकाला जा सके।

शिक्षा और प्रशिक्षण की नई दिशाएं

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि 2022 में केंद्रीय गृहमंत्री से मिली प्रेरणा के बाद इस सेंटर की स्थापना की गई है। इस सेंटर में ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की स्थापना की जाएगी जो न केवल हरियाणा बल्कि आसपास के राज्यों के पुलिस और फोरेंसिक अधिकारियों को भी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देगा यह सेंटर अपराध विज्ञान के क्षेत्र में नई पीढ़ी के विशेषज्ञों को तैयार करने में सहायक होगा।

पीड़ितों के लिए लाभकारी 

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से चिन्हित अपराधों में सबूतों को इकट्ठा करना और भी आसान हो जाएगा, जिससे पीड़ितों को सरल और जल्दी न्याय दिया जा सकेगा। इस पहल के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है।