हरियाणा के इस जिले में बड़े मनरेगा घोटाले की खुली पोल, मजदूरों की हाजिरी के लिए लगाया गजब जुगाड़

नूंह जिला मनरेगा योजना के घोटालों का केंद्र बन गया है जहाँ भ्रष्ट अधिकारियों और सरपंचों ने मिलकर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया है.
 

Haryana news: नूंह जिला मनरेगा योजना के घोटालों का केंद्र बन गया है जहाँ भ्रष्ट अधिकारियों और सरपंचों ने मिलकर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया है. इन घोटालों में अलग-अलग तरीके से धन का गबन किया गया है, जिसमें फर्जी हाजरी और मजदूरों के नाम पर धन की निकासी शामिल है. इस बार घोटाले ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं जहां जिला पंचायत विभाग और सरपंचों ने नए तरीकों से धन की हेराफेरी की है.

मनरेगा एप पर फर्जी हाजरी का खेल

मनरेगा जेई, एबीपीओ, बीडीपीओ और सचिव मिलकर मनरेगा ऐप पर गूगल से उठाई गई फर्जी फोटो अपलोड कर रहे हैं और मजदूरों की फर्जी हाजरी लगा रहे हैं. यह तब हो रहा है जब सरकार ने मनरेगा कार्यों की निगरानी के लिए जिओ टैगिंग (Geo-tagging in MGNREGA) जैसी तकनीकी व्यवस्था को लागू किया है.

भ्रष्टाचार का विस्तार और जिला पंचायत की भूमिका

फिरोजपुर झिरका खंड के दर्जनों गांवों में चल रहे मनरेगा के कामों में मजदूरों के फर्जी जॉब कार्ड के जरिए हाजरी लगाने की प्रथा सामने आई है. गांव चितौडा, हमजापुर, मुहदबास, भाकरोजी में इस प्रकार की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, जहां मजदूरों के नाम पर बड़े पैमाने पर धन की हेराफेरी की जा रही है.

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सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री को शिकायत और भ्रष्टाचार की जड़ें

समाजसेवी यूसुफ ने मुख्यमंत्री को दी शिकायत में बताया कि मनरेगा में भ्रष्टाचार नूंह जिला परिषद कार्यालय से शुरू होता है. यहां के एपीओ वरुण को केंद्र बनाकर यह भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जिसमें ठेकेदारों को अधिकारियों से मिलीभगत कर कमीशन दिया जाता है. यदि वरुण का तबादला हो जाए, तो इस भ्रष्टाचार पर रोक लग सकती है.