जाने कितने टाइम के बाद बदल लेनी चाहिए कूलर की घास, रूम को जल्दी ठंडा करने में होगी आसानी

जैसे-जैसे गर्मी का मौसम अपने चरम पर पहुंचता है। सूर्य की कठोर किरणें और गर्म हवाएं दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों को बढ़ा देती हैं। सुबह के समय से ही तेज धूप और गर्म हवाओं का सामना करना पड़ता है।
 

जैसे-जैसे गर्मी का मौसम अपने चरम पर पहुंचता है। सूर्य की कठोर किरणें और गर्म हवाएं दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों को बढ़ा देती हैं। सुबह के समय से ही तेज धूप और गर्म हवाओं का सामना करना पड़ता है। जिससे जीवन थोड़ा दुष्कर हो जाता है। ऐसे में कई घरों में पंखों के साथ-साथ कूलरों का उपयोग भी बढ़ जाता है।

कूलर गर्मी में ठंडक प्रदान करने का एक अनुकूल और किफायती उपाय होता है। लेकिन इसकी उचित देखभाल और तैयारी बहुत जरूरी होती है। गर्मियों के दौरान कूलर से अच्छी ठंडी हवा प्राप्त करने के लिए उपरोक्त सभी तैयारियों का ख्याल रखना जरूरी है।

यह न केवल आपके कूलर की दक्षता को बढ़ाता है बल्कि इससे आपके कूलर की उम्र भी बढ़ती है। इसलिए गर्मियों के आगमन से पहले अपने कूलर की उचित देखभाल और रखरखाव सुनिश्चित करें।

कूलर की देखभाल और तैयारी

गर्मी के मौसम से पहले कूलर को ठीक से तैयार करना चाहिए। सर्दियों के समय में अक्सर कूलर को न इस्तेमाल किए जाने पर कोने में रख दिया जाता है। जिससे धूल और गंदगी जमा हो जाती है।

कुछ लोग कूलर को अच्छी तरह से पैक करके रखते हैं ताकि गर्मी आने पर इसकी हालत खराब न हो। गर्मियों में इसे फिर से चालू करने से पहले इसकी सफाई और जांच बहुत जरूरी होती है।

कूलर की घास की भूमिका और रखरखाव

कूलर में ठंडी हवा के लिए घास का महत्वपूर्ण रोल होता है। अगर घास सही हालत में नहीं होती है तो यह ठंडी हवा प्रदान नहीं कर पाती है। इसलिए गर्मियों की शुरुआत में कूलर की घास की जांच कर लेनी चाहिए।

अगर घास धूल से भरी हुई है या इसमें से हवा का संचालन ठीक से नहीं हो रहा है। तो इसे बदलने की जरूरत है। आमतौर पर कूलर की घास को हर दो सीजन में बदल देना चाहिए।

कूलर की घास की कीमतें

कूलर की घास की कीमतें आमतौर पर 80 रुपये से 100 रुपये के बीच होती हैं। जो कि आपके इलाके के आधार पर थोड़ी बहुत ऊपर नीचे हो सकती हैं। यदि घास काली पड़ गई है और धूल से जाम हो गई है, तो यह संकेत है कि इसे तुरंत बदल देना चाहिए।