यूपी के इन जिलों से होकर गुजरेगा 380KM लंबा नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, इन गांवों की जमीन कीमतों में आया उछाल
उत्तर प्रदेश में विकास की नई राहें खोलते हुए। 380 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे की योजना ने जोर पकड़ा है। इस भव्य परियोजना का उद्देश्य गाजियाबाद से हापुड़ होते हुए कानपुर और उन्नाव तक एक सुगम और तीव्र यातायात प्रणाली प्रदान करना है।
इसकी दिशा में पिछले महीने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी।
दूरी घटेगी, संभावनाएँ बढ़ेंगी
यह परियोजना गाजियाबाद से शुरू होकर कानपुर रिंग रोड तक जाएगी। जिससे दोनों महानगरों के बीच की यात्रा का समय आधा हो जाएगा। वर्तमान में जहाँ यह यात्रा 10 से 11 घंटे की होती है, वहीं एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद यह मात्र 5 घंटे 40 मिनट में संपन्न हो सकेगी। इससे न केवल यात्रा में सुविधा और तेजी आएगी, बल्कि आपसी संपर्क भी मजबूत होगा।
आधुनिकता की ओर एक कदम
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण गाजियाबाद, हापुड़-कानपुर, उन्नाव ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में किया जाएगा। शुरुआती चरण में यह चार लेन का होगा, लेकिन इसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित करने की संभावना के साथ डिजाइन किया जा रहा है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी आठ लेन के आधार पर हो रही है।
समृद्धि की नई राहें
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल यातायात की सुगमता आएगी। बल्कि इसके मार्ग में आने वाले जिलों में आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा। गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव जैसे जिलों को जोड़ेगा। इससे इन जिलों में नए व्यावसायिक अवसर सृजित होंगे और रोजगार में वृद्धि होगी।
विकास की नई दिशा
उत्तर प्रदेश में इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य के विकास में एक नई गति का संचार होगा। यह न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी नई दिशा प्रदान करेगा। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में एक नई ऊँचाई को छूने की ओर अग्रसर होगा।