UP में इस जगह बनाया जाएगा 596 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे, इन जिलों के लोगों की हो जाएगी मौज

भारत के विकास पथ पर एक नया मील का पत्थर (Milestone) जोड़ते हुए, देश का सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) का निर्माण उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जोरों पर है।
 

भारत के विकास पथ पर एक नया मील का पत्थर (Milestone) जोड़ते हुए, देश का सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) का निर्माण उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जोरों पर है। 2025 में होने वाले कुंभ मेले (Kumbh Mela) से पहले इसे जनता के लिए खोलने की योजना है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इसके लिए सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि निर्माण कार्य में कोई देरी न हो।

निर्माण और विशेषताएं

गंगा एक्सप्रेसवे की लागत (Cost) लगभग 36 हजार करोड़ रुपए है, जो कि मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज (Prayagraj) तक 596 किलोमीटर लंबा होगा। यह विशाल परियोजना (Project) उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगी जिसमें उन्नाव में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) से इसका लिंक होगा। इससे पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल (Purvanchal) के बीच यातायात (Transport) की सुविधा बेहतर होगी।

जमीन अधिग्रहण और विकास की दिशा

जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) की सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं और सभी आवश्यक NOC प्राप्त हो चुकी हैं। यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जैसे जिलों को आपस में जोड़ेगा।

शिलान्यास और भविष्य की योजनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में इसकी आधारशिला रखी थी। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से यूपी के 12 जिलों और 519 गांवों को एक नई पहचान (Identity) मिलेगी। वाहनों की अधिकतम गति (Speed) 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी जो यात्रा समय (Travel Time) को काफी कम कर देगा।

नए टोल प्लाजा और सुविधाएं

इस एक्सप्रेसवे पर कुल 17 टोल प्लाजा (Toll Plaza) होंगे, जिसमें 2 मुख्य टोल प्लाजा मेरठ और प्रयागराज में स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा 14 बड़े पुल (Bridges), 126 छोटे पुल, 929 पुलिया, 7 आरओबी, 28 फ्लाईओवर (Flyover) और 8 डायमंड इंटरचेंज (Diamond Interchange) का निर्माण इसे और भी आकर्षक बनाएगा।