75 साल के किसान ने आधुनिक खेती से बदली किस्मत, अब लाखों में हो रही है कमाई

बिहार में बागवानी और विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती में युवा किसानों की बढ़ती रुचि ने कृषि क्षेत्र में एक नई तकनीक लेकर आए है।
 

बिहार में बागवानी और विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती में युवा किसानों की बढ़ती रुचि ने कृषि क्षेत्र में एक नई तकनीक लेकर आए है। विशेषकर बांका जिले के महोता गांव के निवासी शिवेंद्र शर्मा जिन्होंने पिछले 50 वर्षों से खेती कर अपनी एक खास पहचान बनाई है उन्होंने खेती के पारंपरिक तरीकों को अपनाते हुए नई तकनीक की राह दिखाई है।

अलग तरह की खेती की ओर रुझान

शर्मा जी ने अपनी खेती की शुरुआत महज पारंपरिक फसलों जैसे कि धान और गेहूं से की थी। लेकिन समय के साथ उन्होंने विविधतापूर्ण खेती की ओर रुझान दिखाया। उन्होंने अपने खेतों में आम, अमरूद, सागवान और महोगनी की खेती शुरू की, जिससे न केवल उनकी आय में बढ़ोतरी हुई बल्कि उन्होंने खेती के नए आयामों को भी छुआ।

शिवेंद्र शर्मा की खेती की विशेषताएं

शिवेंद्र शर्मा के खेत में वर्तमान में 400 आम के पेड़ 200 महोगनी और 500 सागवान के पेड़ हैं। इसके अलावा उन्होंने सब्जियों जैसे कि आलू, बैगन, टमाटर, और गोभी की खेती के साथ-साथ धान, गेहूं, मक्का, चना और मूंग की खेती की है। उनके खेतों में किए गए इन नई तकनीक ने न केवल उनकी खेती को अलग बनाया है बल्कि उनकी आय में भी अच्छी बढ़ोतरी की है।

युवा किसानों के लिए प्रेरणा

शिवेंद्र शर्मा की खेती की तकनीक और उनकी सफलता ने न केवल स्थानीय किसानों बल्कि युवा किसानों को भी खेती की ओर आकर्षित किया है। उनकी तकनीकों और विधियों को अपनाकर कई युवा किसानों ने खेती को एक व्यवसाय के रूप में अपनाया है और अच्छी आय मिली है।