Hyundai की इस गाड़ी का एक फ़ीचर लोगों को आ रहा खूब पसंद, लोगों के बीच क्रेज़ इतना की एक्स्ट्रा पैसे देने को भी तैयार
भारत में लोगों के बीच सनरूफ वाली कारों की लोकप्रियता बढ़ रही है। सनरूफ पहले लग्जरी कारों में ही होते थे, लेकिन अब बजट कारों में भी दिया जाने लगा हैं। यही नहीं, लोग अब सनरूफ वाली कारों को खरीदने के लिए अधिक कीमत चुकाने को तैयार हैं, पहले लोग सनरूफ वाली कारों को खरीदने में अधिक खर्च करने से बचते थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों में सनरूफ वाली कारों की मांग में पांच गुना वृद्धि हुई है। सनरूफ वाली कारों की मांग बढ़ने से अब कंपनियां अपने प्लांट में इन्हें बनाने के लिए अधिक निवेश लगा रही हैं।
बहुत सी कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता को तेजी से बढ़ा रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बेची गई हर चार कार में एक सनरूफ वाली होती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि भारत के मौसम के लिए कार में सनरूफ उपयोगी नहीं है।
यह इसलिए है कि देश के अधिकांश क्षेत्र गर्म हैं, और सनरूफ का उपयोग ठंड में सनरूफ को खोलकर धूप के अंदर आने की जगह बनाना है।
26 प्रतिशत मांग बढ़ी
हालांकि, कार में सनरूफ को लग्जरी फीचर बनाकर प्रस्तुत किया जाता है, जो ग्राहकों को आकर्षित करता है और इसके लिए ग्राहक अधिक पैसे देने को भी तैयार होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ग्राहक टचस्क्रीन और कीलेस इग्निशन जैसे सुविधाओं को भी पसंद करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, सनरूफ वाली कार की बिक्री 2019 में 3–5 प्रतिशत थी, लेकिन जून 2023 तक यह 26 प्रतिशत हो चुकी है। अब बाजार में बिकने वाली 85% SUV मॉडल्स में सनरूफ है।
वहीं, 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली हैचबैक कारों जैसे हुंडई आई20 और टाटा अल्ट्रोज में अब सनरूफ मिलने लगे हैं। सनरूफ ने कीमत को 50,000 रुपये बढ़ा दिया है।
ये कंपनी बना रही सनरूफ
भारत में सनरूफ बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी जर्मनी की ऑटोमोबाइल कंपोनेंट वेबस्टो है। सनरूफ की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए कंपनी ने हाल ही में चेन्नई में अपना दूसरा प्लांट शुरू किया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की कंपनी इस प्लांट में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के बाद, कंपनी अब 9.5 लाख सनरूफ बना सकती है।