दफ़्तर में सरकारी डॉक्युमेंट पर मशीनी रफ़्तार के साथ स्टांप लगाने लगा व्यक्ति, काम करने की फुर्ती को देख कलेक्टर साब को नही हो रहा आंखो पर यकिन

इसके बावजूद, हमारे देश में सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली स्पष्ट है।
 

इसके बावजूद, हमारे देश में सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली स्पष्ट है। लेकिन इसी बीच चीजें बदल रही हैं, और हम सभी इस बदलाव को हर दिन देखते हैं और महसूस करते हैं। पूरा सिस्टम कंप्यूटर पर आ गया है और कई जगहों पर कागज की गठरी उतर चुकी है।

कहीं-कहीं आज भी हाथ से काम किया जाता है। निजी कंपनियों में फुर्ती सब कुछ है। फुर्ती से काम करने वाले ही सफल होंगे। लेकिन काम और उत्साह के बीच एक बात है जिसे "जिम्मेदारियां" कहते हैं, और आप इसे किसी दूसरे पर लाद नहीं सकते; ये खुद ठोनी होती है। इंसान इसी प्रक्रिया में मशीन बन जाता है। एक जिला कलेक्टर ने वीडियो शेयर करके इंसान अब मशीन बनने के बाद कैसे काम करता है, बताया है।

फटाफट लगाते हैं स्टांप

जिला कलेक्टर संजय कुमार ने इसका वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। वीडियो में एक व्यक्ति को फटाफट स्टांप लगाया जाता है। वह इतनी तेजी से काम करते हैं कि पहली बार लोग दंग रह जाएंगे और सोचेंगे कि काश हमारे देश के हर ऑफिस में इतनी तेजी से काम होता तो कई मसलों की फाइलें पड़ी नहीं होती। जैसा कि उन्होंने लिखा है, हमें 'मानव' से 'मशीन' बनाने वाली 'जिम्मेदारियां' ही हैं..!'

यहां देख सकते हैं वीडियो

यूजर्स को यह वीडियो और जनाब का काम बहुत पसंद आया। 'सिर्फ जिम्मेदारी नहीं...!!' एक उपयोगकर्ता ने लिखा। इस तरह की कार्यशैली, नैतिकता और ईमानदारी भी शामिल हैं।

वहीं, एक यूजर ने लिखा कि तैयारी हमारे लिए अच्छी है। दोस्तों, इसके बारे में आपका क्या विचार है?