दुनिया की ऐसी जगह जहां समोसे खाने पर मिलती है सजा, नफरत इतनी की लगा दिया समोसे पर बैन

भारतीय व्यंजनों में समोसे का महत्व कुछ अलग ही है। जब भी भूख लगती है और बाहर खाने का मन हो तो सबसे पहले ख्याल समोसे का ही आता है। देश के कौने कौने में समोसे की डिमाड़ तेज है।
 

भारतीय व्यंजनों में समोसे का महत्व कुछ अलग ही है। जब भी भूख लगती है और बाहर खाने का मन हो तो सबसे पहले ख्याल समोसे का ही आता है। देश के कौने कौने में समोसे की डिमाड़ तेज है। आमतौर पर समोसा हमे 5 से 10 रूपये में मिल जाता है।

घर में जब भी मेहमान आते है तो उनका स्वागत अक्सर समोसे से ही होता है। कुल मिलाकर हम समोसे पर जान छिड़कते है। लेकिन समोसे पर सरकार पाबंदी लगाने जा रही है।

समोसा खाने वाले को सजा का प्रावधान

दरसअल, दुनिया में एक देश ऐसा है जहां अगर समोसा खाया या बनाया तो उसे सजा दी जाती है। हम बात कर रहे है अफ्रीकी देश सोमालिया की जहां समोसा खाने पर पाबंदी लगा रखी है। सोमलिया में समोसा खाने या फिर बनाने पर लोगों को सज़ा दी जाती है। और इसकी वजह समोसे का आकार है।

दरसअल, सोमालिया का एक चरमपंथी समूह मानता है कि समोसे का तिकोना रूप क्रिश्चियन कम्यूनिटी के एक चिह्न से मिलता-जुलता है। इसलिए सोमलिया की सराकर ने समोसे पर पाबंदी लगा रखी है।

सोमलिया में समोसा बनाने और खाने वाले को सजा देने का प्रावधान बनाया गया है। बताया यह भी जाता है कि समोसे में सड़े-गले मीट का उपयोग करने को लेकर पाबंदी लगाई गई है।

कहां से आया समोसा

कहा जाता है कि समोसा ईरान से भारत आया था। वही कहा जाता है कि समोसा फारसी भाषा के ‘संबोसाग’ से निकला हुआ शब्द है। कुछ इतिहासकारों की माने तो गजनवी साम्राज्य के शाही दरबार में एक ‘नमकीन पेस्ट्री’ परोसी जाती थी।

इस पेस्ट्री को मीट कीमा और सुखा मेवा भरकर बनाया जाता था। इतिहासकारों के अनुसार करीब 2000 साल पहले जब भारत में आर्य आए थे उससे पहले ही समोसा भारत आ गया था।