भारत में इन जगहों के बीच बन रहा है 12 लेन का अनोखा एक्सप्रेसवे, जिसके ऊपर से गुजरेगी गाड़ियां तो नीचे से गुजरेंगे हाथी-भालू समेत अनेकों जंगली जानवर

दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोग अब जल्द ही एक अनोखे एक्सप्रेसवे का आनंद उठा पाएंगे जिसकी विशेषता जंगल सफारी जैसा अनुभव होगी।
 

दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोग अब जल्द ही एक अनोखे एक्सप्रेसवे का आनंद उठा पाएंगे जिसकी विशेषता जंगल सफारी जैसा अनुभव होगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा निर्मित यह 210 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे न केवल दिल्ली और उत्तर प्रदेश को जोड़ेगा बल्कि उत्तराखंड तक के सफर को भी आसान बनाएगा। इस विशेष राजमार्ग की संरचना से यात्रा के दौरान प्राकृतिक सौंदर्य का दर्शन होगा।

एक्सप्रेसवे के माध्यम से पहाड़ों की सैर

यह एक्सप्रेसवे मैदानी इलाकों को पहाड़ों और हिल स्टेशनों से जोड़ेगा, जिससे यात्रियों को विहंगम दृश्यों के साथ एक आनंदमयी यात्रा का अनुभव होगा। इस एक्सप्रेसवे की एक विशेषता यह है कि इसका एक बड़ा हिस्सा घने जंगलों के मध्य से गुजरेगा, जो यात्रियों को एक वास्तविक जंगल सफारी का एहसास कराएगा।

एक्सप्रेसवे की अधिक विशेषताएं

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण तीन फेज में किया जा रहा है। वर्तमान में यह छह लेन का है, लेकिन भविष्य में इसे बारह लेन में विस्तारित किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को सहारनपुर से दो और महत्वपूर्ण हाईवे से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रा समय, ईंधन खर्च और यातायात जाम में कमी आएगी।

यात्रा का समय होगा कम

वर्तमान में दिल्ली से देहरादून तक की यात्रा में पांच से छह घंटे लगते हैं जिसमें ट्रैफिक जाम और अन्य देरियां शामिल हैं। नए एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी 210 किलोमीटर तक सिमट जाएगी और यात्रा का समय मात्र 2.5 घंटे रह जाएगा, जिससे यात्रियों का समय और धन दोनों की बचत होगी।

परियोजना की लागत और निर्माण की स्पीड

इस भव्य परियोजना को पूरा करने में लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। पहला फेज जुलाई में शुरू होने की संभावना है, जो दिल्ली के अक्षरधाम से बागपत के पास ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे तक जुड़ेगा। इस फेज का निर्माण लगभग 3,250 करोड़ रुपये में किया जा रहा है।

राजाजी नेशनल पार्क के माध्यम से सफर

इस एक्सप्रेसवे का सबसे रोमांचक हिस्सा राजाजी नेशनल पार्क के माध्यम से होकर गुजरना है। यहाँ की घनी जंगली भूमि और वन्यजीव इस यात्रा को और भी विशेष बनाते हैं। एक्सप्रेसवे का यह हिस्सा जमीन के नीचे या ऊपर से गुजरता है, जिससे प्राकृतिक जीवन को कम से कम व्यवधान हो। यह न केवल एक सुरक्षित रास्ता प्रदान करता है बल्कि यात्रियों को एक अद्वितीय प्राकृतिक अनुभव भी देता है।