अनोखा गांव जहां पिछले 90 सालों से कोई नहीं पहनता कपड़े, बगैर कपड़ों के ही घूमते है लड़के और लड़कियां

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया में कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां कई अजीबो-गरीब लोग पाए जाते हैं। आमतौर पर जिंदगी में लोग अपने घर से ही कपड़े पहनकर घर से निकल जाते हैं।
 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया में कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां कई अजीबो-गरीब लोग पाए जाते हैं। आमतौर पर जिंदगी में लोग अपने घर से ही कपड़े पहनकर घर से निकल जाते हैं। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा की एक ऐसा गांव भी है

जहां लोग 90 साल से एक परंपरा का पालन करते आ रहे है उस गाँव मे कोई भी कपड़े नहीं पहनता है। आज के इस आर्टिकल के जरिए हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताएंगे जिसके बारे में शायद ही कभी कोई बात की जाती हो।

क्या आपने ऐसी किसी जगह के बारे सुना है, जहां अपने शरीर को ढकने के लिए कोई भी इंसान कपड़े नहीं पहनता हों. इसका मतलब यह नहीं है कि उस गाँव में सभी गरीब हैं या फिर उनके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं. हालांकि वहां के लोग वर्षों पुरानी एक परंपरा को निभाने के लिए ऐसा करते है.

यह ब्रिटेन का एक सीक्रेट गांव (Britain's Secret Nudist Village) है, इस गाँव के लोग सालों-साल से बिना कपड़ों के रहते हैं. मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस गांव में दो बेडरूम वाले बंगले भी मोजूद हैं, जिनकी कीमत 78.6 लाख या इससे भी अधिक है।

गांव का नाम जर्मन भाषा में रखा गया

इस गांव में रहने वालों के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी होना कोई असामान्य बात नहीं है। हर्टफोर्डशायर के स्पीलप्लाट्ज नाम के गांव में लोग बिना कपड़ों के रहते हैं। वह न केवल बूढ़े लोग हैं, बल्कि बच्चे भी हैं। खेल के मैदान के लिए जर्मन शब्द स्पीलप्लेट्स है।

90 साल पुरानी परंपरा को करते आ रहे फॉलो

ब्रिटेन की सबसे पुरानी कॉलोनियों में से एक होने के नाते इस गांव के लोग 90 साल से भी ज्यादा समय से ऐसे ही रह रहे है। इस गाँव मे न सिर्फ अच्छे घर हैं, बल्कि लोगों के पीने के लिए बीयर और आलीशान स्विमिंग पूल भी मौजूद हैं।

गांव के इस समुदाय की स्थापना इसेल्ट रिचर्डसन ने की थी

स्पीलप्लेट्स में प्रकृतिवादियों और सड़क पर रहने वालों के बीच कोई अंतर नहीं है, जिसकी स्थापना 1929 में 82 वर्षीय इसाल्ट रिचर्डसन ने की थी, जिनके पिता ने इसकी स्थापना की थी।

इस गांव के ऊपर बन चुकी है कई फिल्में

इस गाँव में बहुत सारी वृत्तचित्र और लघु फिल्में बनाई गई हैं। पड़ोसी, डाकिया और सुपरमार्केट डिलीवरी वाले लोग अक्सर आते हैं। गांव को स्पीलप्लाट्ज या खेल का मैदान के नाम से भी जाना जाता है।