Aaradhya Bachchan: ऐश्वर्या रॉय की बेटी के हाथ में दिखा महंगा लग्जरी बैग, कीमत सुनकर तो आपके भी उड़ जाएंगे तोते

वर्ष 1994 में देश की पहली मिस वर्ल्ड बनी ऐश्वर्य राय ने मॉडलिंग से लेकर फिल्मों तक में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं। शादी के बाद बच्चन परिवार की बहू बन चुकी ऐश्वर्य राय अब सिंपल हाउस वाइफ के रूप में अपनी जिंदगी को एंज्वॉय कर रही हैं।
 

वर्ष 1994 में देश की पहली मिस वर्ल्ड बनी ऐश्वर्य राय ने मॉडलिंग से लेकर फिल्मों तक में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं। शादी के बाद बच्चन परिवार की बहू बन चुकी ऐश्वर्य राय अब सिंपल हाउस वाइफ के रूप में अपनी जिंदगी को एंज्वॉय कर रही हैं।

अब उनके बजाय उनकी बेटी आराध्या बच्चन चर्चा में हैं। अपनी मां की तरह आराध्या बच्चन भी लग्जरी लाइफ जीती हैं। पिछले दिनों वे पैरंट्स के साथ एक एयरपोर्ट पर स्पॉट हुईं। उनके साथ उनके पिता अभिषेक बच्चन और मां ऐश्वर्य राय भी थे।

उस दौरान आराध्या बच्चन ने इतना महंगा बैग कैरी रखा था कि उस खर्चे में कोई व्यक्ति विदेश घूमकर भी वापस आ जाए। चर्चाओं की मानें तो दिखने में सिंपल लगने वाले उस बैग की कीमत एक लाख रुपये से ज्यादा थी। 

कीमत एक लाख रुपये से ज्यादा

चर्चाओं के मुताबिक आराध्या बच्चन के पैरंट्स ने उस बैग को प्रसिद्ध विदेशी ब्रांड गूची से खरीदा था। वह कंपनी इस तरह के लग्जरी और महंगे आइटम बनाने के लिए मशहूर है। बैग की जिप, स्ट्रैप्स और साइड पोर्शन पीले रंग का था।

उस बैग की कीमत की बात करें तो इंटरनेट पर उपलब्ध डिटेल के अनुसार वह 1652 डॉलर में मिलता है। यानी कि 1 लाख 35 हजार 448 रुपये में वह बैग आप खरीद सकते हैं। इतने पैसे में आप आसानी से भारत से थाईलैंड या पास के किसी देश में 4 दिनों तक घूमकर आ सकते हैं। 

मुंबई के महंगे स्कूल में पढ़ाई

केवल बैग ही नहीं, आराध्या बच्चन की पढ़ाई भी मुंबई के सबसे महंगे स्कूल में से एक में हो रही है। वह जिस स्कूल में पढ़ती हैं, उसका नाम धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल है। मुंबई में मौजूद इस स्कूल की गिनती देश के टॉप क्वालिटी और महंगे स्कूलों में होती है।

नर्सरी से क्लास 12वीं तक के इस स्कूल में कुल 7 मंजिल हैं। वहां पर एलकेजी से  7वीं क्लास तक की सालाना फीस 1 लाख 70 हजार रुपये है। जबकि 8वीं से लेकर 12वीं क्लास तक के लिए 4 से 12 लाख रुपये सालाना फीस चुकानी पड़ती है।

मुंबई के अधिकतर नेताओं और सेलेब्रेटी के बच्चे इसी स्कूल में पढ़ने जाते हैं। इतना महंगा होने के बावजूद वहां पर दाखिला लेना आसान नहीं है और कई सारे टेस्ट के बाद ही दाखिला मिल पाता है।