Ford के बाद ये कार कंपनी छोड़ने वाली है भारतीय ऑटो मार्केट, जाने क्या है कंपनी का नाम

निसान मोटर्स (Nissan Motors) को वैश्विक स्तर पर अच्छी प्रतिष्ठा मिली है, उसका नाम अच्छा है और उसके कई सुंदर कारें हैं
 

निसान मोटर्स (Nissan Motors) को वैश्विक स्तर पर अच्छी पहचान मिली हुई है. इस कंपनी के कारे ज़बरदस्त होती है इसीलिए मार्केट में इनका नाम भी खूब है.  लेकिन भारतीय कार बाजार में निसान ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। वर्तमान में, निसान भारत से कारोबार समेटने की कगार (verge of collapse) पर है।

फोर्ड ने भारत से अपना कारोबार छोड़ दिया है और निसान भी अब भारत में अच्छा मार्केट नहीं कर पा रही है। कंपनी के पास ऐसा कोई ख़ास प्रोडक्ट नही जिसकी मार्केट में डिमांड हो या जिनके लिए ग्राहकों की लाइन लगे। अभी तो खर्चो को पार लगाना भी मुश्किल होता जा रहा है.

केवल मैग्नाइट बची है

निसान ने अपने कई प्रॉडक्ट्स को एक-एक करके बनाना बंद कर दिया है। वर्तमान में इसके भारतीय पोर्टफोलियो में सिर्फ एक कार निसान मैग्नाइट है। माइक्रा, सनी, टेर्रानो, किक्स, डैटसन गो, डैटसन गो+ और डैटसन रेडी-गो, जो निसान की ही कंपनी थी. सभी बंद हो गए हैं। कंपनी ने बीएस6 आने पर कई कारों को अपडेट ही नहीं किया था। जब डीजल इंजन बंद कर दिया गया, तो इसके पोर्टफोलियो में केवल मैग्नाइट ही बची हुई है।

जैसे-तैसे जिंदा है नाम

अब कंपनी विभिन्न वेरिएंट और मॉडल जारी करके ग्राहकों को बताती रहती है कि वह बाजार में बनी हुई है। हालाँकि, निसान मैग्नाइट केवल उतनी ही यूनिट्स में बिक रही है, जिससे यह भारत में अपने नाम को जिंदा रखे हुए है।  निसान खुद इस बात को मानती नहीं है कि वह भारतीय बाजार में पिछड़ती जा रही है। 

कारें दिखाती है लेकिन लॉन्च नहीं करती

विभिन्न प्रोग्रामों से यह दिखाने की कोशिश करती रहती है कि वह भारतीय बाजार में बनी रहेगी। निसान कभी-कभी भारत में अपने नए या महंगे उत्पादों को पेश जरुर करता है, लेकिन जब प्रोडक्ट का लॉन्च होता है तो सब कुछ ठंडे बस्ते में चला जाता है। बहुत सी वाहनों को शोकेस किया गया लेकिन भारत में नहीं उतारा गया।

लॉन्च नहीं की ये कारें

2011 में निसान ने LEAF, 2015 में Patrol और 2016 में X-Trail को शोकेस किया था, लेकिन इनमें से कोई भी कार भारत में नहीं आई। इतना ही नहीं, कंपनी ने 2022 में तीन वाहनों, जूक, एक्स-ट्रेल (फिर से) और कैशकाई को शोकेस किया था, लेकिन उसने फिर से नहीं बताया कि कब उन्हें बाजार में लाएगी।

इससे क्या फायदा मिल रहा

इससे निसान को दो लाभ हो रहे हैं। पहली बात यह है कि ग्राहकों को पता चलता है कि कंपनी अभी भी भारतीय कार बाजार में है, और दूसरी बात यह है कि डीलरशिप को सांतवना मिलती है क्योंकि कम मॉडल और बिक्री के कारण वे भी परेशान हैं। ऐसे में डीलरशिप को लगता है कि कंपनी नई कारें लाने वाली है, जो बिक्री को बढ़ा देगा।