आंगनवाड़ी वर्कर्स को अब 62 की जगह 65 साल की उम्र में मिलेगी रिटायरमेंट, जाने पूरी डिटेल

छत्तीसगढ़ की 46 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ियों में काम करने वाली डेढ़ लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए भूपेश बघेल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
 

छत्तीसगढ़ की 46 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ियों में काम करने वाली डेढ़ लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए भूपेश बघेल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है।

इसके अलावा राज्य भर में कार्यकर्ताओं के 50 फीसदी रिक्त पदों पर आंगनबाडी सहायिकाओं की भर्ती की जाएगी। अभी तक 25 फीसदी खाली पदों पर भर्तियां की जा रही थीं। इतना ही नहीं अभी तक भर्ती के लिए 10 साल का अनुभव जरूरी होता था।

इसे घटाकर 5 साल कर दिया गया है। सीएम भूपेश बघेल ने बजट सत्र में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगों को पूरा करते हुए उनका मानदेय बढ़ाने की घोषणा की थी।

अब 62 की जगह 65 साल में होगा रिटायरमेंट

कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को एक अप्रैल से बढ़ा हुआ मानदेय दिया जा रहा है। कार्यकर्ताओं का मानदेय 6500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार सहायिकाओं का मानदेय 3250 रूपये से बढ़ाकर 5 हजार रूपये तथा मिनी कार्यकर्ताओं का 4500 रूपये से बढ़ाकर 7500 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है।

कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की मृत्यु पर अनुग्रह राशि में वृद्धि करते हुए वर्तमान में 50,000 रूपये प्रदान किये जा रहे हैं। इसी प्रकार, सेवानिवृत्ति पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 50 हजार रुपये और सहायिकाओं को 25 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है।

एकमुश्त राशि का भी प्रावधान

आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की मृत्यु पर अनुग्रह राशि एवं सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान का प्रावधान है। आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की मृत्यु पर अनुग्रह राशि में वृद्धि करते हुए वर्तमान में 50 हजार रूपये प्रदान किये जा रहे हैं। इसी प्रकार, सेवानिवृत्ति पर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को 50 हजार रुपये और सहायिकाओं को 25 हजार रुपये देने का प्रावधान है।

राज्य में इसी साल  होने हैं विधानसभा चुनाव

बता दें कि मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार का यह फैसला अहम माना जा रहा है। अपनी मांगों को लेकर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया था। सरकार के इस फैसले को चुनाव से पहले बड़ा फैसला माना जा रहा है।