बंटवारे के वक्त इस किताब का आधा हिस्सा लेकर गया था पाकिस्तान, जाने क्या खास था इस किताब में

1947 का अगस्त महीना भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) दोनों देशों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण बन गया। इस दौरान भारतीय लोगों को अंग्रेजों (British) की गुलामी से मुक्ति मिली लेकिन साथ ही उन्हें अपने देश का एक बड़ा हिस्सा खोना पड़ा। यह समय खुशियों और दर्द का मिश्रण था।
 

1947 का अगस्त महीना भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) दोनों देशों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण बन गया। इस दौरान भारतीय लोगों को अंग्रेजों (British) की गुलामी से मुक्ति मिली लेकिन साथ ही उन्हें अपने देश का एक बड़ा हिस्सा खोना पड़ा। यह समय खुशियों और दर्द का मिश्रण था।

विभाजन के समय वस्तुएं 

बंटवारे (Partition) की प्रक्रिया ने न केवल भूगोल को बांटा बल्कि लाखों लोगों की खुशियाँ और उनकी जिंदगियाँ भी बांट दीं। इस दौरान सामान्य वस्तुएँ जैसे कि कॉपी (Copy), किताब (Books), मेज (Table), कुर्सी (Chair), टाइपराइटर (Typewriter) और यहाँ तक कि पेंसिल (Pencil) और पगड़ी (Turban) तक बांटी गईं।

असामान्य विभाजन के उदाहरण 

विभाजन के दौरान असामान्य चीजों का बंटवारा भी हुआ। उदाहरण के लिए, ब्रिटिश वायसराय (British Viceroy) की बग्गियों को सिक्का उछाल कर बांटा गया, जिसमें 6 बग्घी भारत को और 6 पाकिस्तान को मिलीं। रेलवे (Railway) और बुलडोजर (Bulldozer), ट्रक (Truck) जैसी चीजें भी बराबर बंटवारे में शामिल थीं।

किताबों का बंटवारा 

एक किताब (Book) का बंटवारा सबसे अधिक चौंकाने वाला था। विजयलक्ष्मी बालाकृष्णनन की किताब 'Growing Up and Away: Narratives of Indian Childhoods: Memory, History, Identity' में वर्णित है कि एनसायक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटेनिका (Encyclopedia of Britannica) के दो हिस्से किए गए और इसे दोनों देशों में बांट दिया गया। इसी तरह, लाइब्रेरी में मौजूद डिक्शनरी (Dictionary) को भी दो हिस्सों में बांटा गया।

शराब के ड्रम का अपवाद 

विभाजन के दौरान एक चीज जो नहीं बंटी वो थे शराब के बैरल्स (Liquor Barrels)। पाकिस्तान (Pakistan) ने इस्लाम (Islam) में शराब (Liquor) को हराम मानते हुए इन्हें लेने से मना कर दिया जिससे ये सभी भारत को मिल गए।