PNB बैंक के ग्राहकों के ले बुरी खबर, 1 अक्तूबर से इन चीजों के खाते से कटेंगे पैसे

पंजाब नेशनल बैंक जो कि भारत के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंकों में से एक है ने अपने नियमों में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं
 
PNB Rules Change: पंजाब नेशनल बैंक जो कि भारत के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंकों में से एक है ने अपने नियमों में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे. इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना और ग्राहकों के लिए सेवा शुल्क को और अधिक पारदर्शी बनाना है. इस आर्टिकल में हम उन प्रमुख बदलावों को देखेंगे जो सीधे तौर पर ग्राहकों की जेब पर असर डाल सकते हैं..

सेविंग अकाउंट्स में बदलाव और नए शुल्क

पीएनबी ने सेविंग अकाउंट्स (Savings Accounts) के लिए मिनिमम बैलेंस और विभिन्न प्रकार के शुल्कों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. अब से, सभी खाताधारकों को एक निश्चित मिनिमम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य होगा जिसकी राशि उनके खाते के प्रकार और उनके खाते की शाखा के स्थान के आधार पर तय की गई है. इसके अतिरिक्त चेक निकासी और डिमांड ड्राफ्ट जैसी सेवाओं पर भी नए शुल्क लगाए गए हैं जिनसे ग्राहकों के लेन-देन लागत में इजाफा होगा.

ग्रामीण और शहरी ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस की अलग-अलग शर्तें

बैंक ने ग्रामीण (Rural Areas) अर्द्ध-शहरी, शहरी और महानगरीय क्षेत्रों में अपने ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस की अलग-अलग शर्तें तय की हैं. ग्रामीण इलाकों में मिनिमम बैलेंस 500 रुपये तय किया गया है जबकि शहरी और महानगरीय क्षेत्रों में यह राशि 2000 रुपये है. यह नियम उन ग्राहकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो अपने खातों में नियमित रूप से इतनी राशि नहीं रख पाते.

मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर लगने वाले शुल्क

यदि किसी ग्राहक के खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं है तो बैंक उस पर शुल्क लगा देगा. यह शुल्क ग्राहक के खाते की शाखा के स्थान के आधार पर विभिन्न होगा. इस शुल्क के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 50 रुपये से लेकर महानगरीय क्षेत्रों में 250 रुपये तक का चार्ज लग सकता है, अगर खाते में निर्धारित मिनिमम बैलेंस नहीं है.

बैंक द्वारा नियमित रूप से चेक और डिमांड ड्राफ्ट पर लगने वाले शुल्क

चेक और डिमांड ड्राफ्ट (Demand Drafts) पर शुल्कों का संशोधन भी किया गया है. नए नियमों के अनुसार, डिमांड ड्राफ्ट के लिए प्रति 1000 रुपये पर 5 रुपये का शुल्क लगेगा, जिसका अधिकतम शुल्क 15,000 रुपये होगा. चेक वापसी पर भी 300 रुपये से 1000 रुपये तक का शुल्क लगेगा जो कि ग्राहक की वित्तीय स्थिति पर एक अतिरिक्त बोझ साबित हो सकता है.

लॉकर रेंट में बढ़ोतरी 

बैंक ने अपने लॉकर (Locker Rent) के किराए में भी बदलाव किया है. नए नियमों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे लॉकर के लिए 1000 रुपये और महानगरीय क्षेत्रों में बड़े लॉकर के लिए 5500 रुपये का वार्षिक शुल्क लगेगा. यह बदलाव विशेषकर उन ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्होंने बैंक में अपनी मूल्यवान संपत्तियों को सुरक्षित रखा है.