pnb ग्राहकों के लिए आई बुरी खबर, चेक बाउन्स पर देना होगा इतना शुल्क
pnb revises bank account: पंजाब नेशनल बैंक जो कि भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक है ने अपने सेविंग अकाउंट्स चेक और लॉकर सुविधाओं के शुल्क में महत्वपूर्ण परिवर्तन किये हैं. ये परिवर्तन विशेष रूप से उन ग्राहकों को प्रभावित करेंगे जिनके खाते इस बैंक में हैं. नई दरें और शर्तें विभिन्न प्रकार की बैंकिंग सेवाओं पर लागू होंगी जिसमें मिनिमम बैलेंस डुप्लीकेट डीडी और अन्य सेवाएँ शामिल हैं.
मिनिमम बैलेंस और पेनाल्टी शुल्क में बदलाव
पीएनबी ने अपने अकाउंट होल्डर्स के लिए मंथली और त्रैमासिक औसत बैलेंस के मानदंडों में भी संशोधन किया है. यह संशोधन ग्रामीण सेमी-अर्बन, और शहरी तथा मेट्रो इलाकों में विभिन्न होगा. यदि कोई ग्राहक निर्धारित मिनिमम बैलेंस को बनाए रखने में विफल रहता है, तो उस पर 50 रुपये से 250 रुपये तक की पेनाल्टी लग सकती है. यह परिवर्तन बैंक के लिए राजस्व में बढ़ोतरी करने और ग्राहकों को अपने खातों में पर्याप्त पैसे बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करने का एक माध्यम है.
डिमांड ड्राफ्ट शुल्कों में परिवर्तन
डिमांड ड्राफ्ट (demand draft fees) के शुल्क में भी परिवर्तन किया गया है. पहले यह न्यूनतम 50 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की राशि पर 4 रुपये प्रति हजार के हिसाब से लिया जाता था, जबकि अब 0.40% के हिसाब से शुल्क निर्धारित किया गया है. इस परिवर्तन से बैंक को बड़ी राशियों पर अधिक राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है, और ग्राहकों को भी उनके वित्तीय लेन-देन में अधिक स्पष्टता मिलेगी.
नकदी जमा और डुप्लीकेट डीडी शुल्क में बढ़ोतरी
बैंक ने नकद जमा (cash deposit charges) पर लगने वाले शुल्क को भी बढ़ाया है. 50,000 रुपये तक की नकद राशि जमा करने पर पहले 200 रुपये का शुल्क लगता था, जो अब बढ़कर 250 रुपये हो गया है. इसी प्रकार, डुप्लीकेट डीडी (duplicate demand draft fee) जारी करने का शुल्क पहले 150 रुपये था, जो अब 200 रुपये कर दिया गया है. ये बढ़ोतरी बैंक के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बनेगी और ग्राहकों को अपने वित्तीय निर्णयों में अधिक सावधानी बरतने के लिए प्रेरित करेगी.
चेक वापसी और लॉकर शुल्क में बदलाव
चेक वापसी (cheque bounce fee) पर लगने वाली फीस भी बदल दी गई है. पहले तीन चेकों की वापसी पर 300 रुपये प्रति चेक की दर से फीस लगती थी, जबकि चौथे चेक से यह फीस 1,000 रुपये प्रति चेक हो जाती है. इसके अलावा, लॉकर शुल्क (locker fees) में भी संशोधन किया गया है, जिसमें ग्रामीण, सेमी अर्बन, और शहरी/मेट्रो क्षेत्रों के लिए विभिन्न दरें निर्धारित की गई हैं. इस परिवर्तन से बैंक अपने सुरक्षित लॉकर सेवाओं के माध्यम से अधिक राजस्व प्राप्त करने की उम्मीद करता है, साथ ही यह ग्राहकों को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बैंकिंग विकल्प प्रदान करता है.