हर रोज़ नहाने की आदत बिगाड़ सकती है आपकी हेल्थ, टाइम रहते जान ले असली वजह वरना बाद में हो सकती है दिक़्क़त

भारत में धार्मिक कारणों से लोग हर दिन स्नान करते हैं। हम अक्सर नहाने के नुकसान गिनाते रहते हैं,
 

भारत में धार्मिक कारणों से लोग हर दिन स्नान करते हैं। हम अक्सर नहाने के नुकसान गिनाते रहते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरान हो जाएगा कि विज्ञान ने भी रोजाना नहाने के नुकसान बताए हैं. आइए जानते हैं कि विज्ञान क्या कहता है।

रोजाना नहाना जरूरी नहीं है

विज्ञान कहता है कि रोज नहाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। दुनिया भर के त्वचा विशेषज्ञों का मानना ​​है कि ठंड में हर दिन न नहाना एक अच्छा निर्णय है, क्योंकि आवश्यकता से अधिक नहाना हमारी त्वचा के लिए अच्छा नहीं है। कई अध्ययन कहते हैं कि हमारी त्वचा में खुद को साफ करने की बेहतर क्षमता होती है। अगर आप जिम नहीं जाते हैं या रोजाना पसीना नहीं बहाते हैं या धूल में नहीं रहते हैं तो आपके लिए हर दिन नहाना जरूरी नहीं है।

नाखून भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं

गर्म पानी से हर दिन नहाना भी आपके नाखूनों को नुकसान पहुंचा सकता है। नाखून नहाते समय पानी सोख लेते हैं और फिर नरम हो जाते हैं। जब प्राकृतिक तेल खत्म हो जाते हैं, तो वे भी रूखे और कमजोर हो जाते हैं।कोलंबिया यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. इलेन लार्सन ने एक अध्ययन में पाया कि हर दिन नहाने से हमारी त्वचा रूखी और कमजोर हो जाती है। इससे संक्रमण की संभावना बढ़ती है। इसलिए हर दिन नहाना अच्छा नहीं है।

भारत में लोग खूब नहाते हैं

हाल ही में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारत, जापान और इंडोनेशिया के लोग नहाने के मामले में दुनिया के टॉप देशों में सबसे आगे हैं। अमेरिका और पश्चिमी देशों के कई शोध कहते हैं कि हर दिन नहाना न सिर्फ पानी की बर्बादी है, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी हानिकारक है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी (वाशिंगटन डीसी, यूएस) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सी. ब्रैंडन मिशेल का कहना है कि नहाने से अच्छे बैक्टीरिया और प्राकृतिक तेल त्वचा से बाहर निकल जाते हैं। ये भी अच्छे बैक्टीरिया प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ावा देते हैं। इसलिए ठंड में सप्ताह में केवल दो या तीन दिन नहाना चाहिए।

यूटा विश्वविद्यालय के जेनेटिक्स साइंस सेंटर ने एक अध्ययन में पाया कि बहुत अधिक नहाने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को चोट लगती है। शरीर की रोगाणु-विषाणुरोधी क्षमता कमजोर होती है। यह भी शरीर की खाना पचाने और विटामिन और अन्य पोषक तत्वों को निकालने पर प्रभाव डालता है।