दिल्ली-देहरादून हाइवे पर निकलने वालों के लिए बड़ी खबर, अगले 2 महीनों में खुल सकता है ये खास रास्ता

लंबे इंतजार के बाद दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पहला चरण अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। यह खंड जो अक्षरधाम से बागपत के खेकड़ा तक फैला है ने अपने निर्माण के 90 फीसदी से अधिक कार्य को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
 

लंबे इंतजार के बाद दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पहला चरण अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। यह खंड जो अक्षरधाम से बागपत के खेकड़ा तक फैला है ने अपने निर्माण के 90 फीसदी से अधिक कार्य को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस 31 किलोमीटर लंबे हिस्से को दो पैकेज में विभाजित करके बनाया जा रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने मई के अंत तक इसे तैयार करने का लक्ष्य रखा है जिससे यह योजना अपने निर्धारित समयावधि में साकार हो सके।

यातायात के लिए इंतजार अभी बाकी

हालांकि इस एक्सप्रेसवे पर यातायात की शुरुआत के लिए नागरिकों को मध्य जून तक का इंतजार करना पड़ सकता है। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि पहले चरण का काम 15 मई तक पूरा हो जाएगा इसके बाद एक सप्ताह तक ट्रायल रन चलेगा। ट्रायल रन के सफल समापन के पश्चात सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही यातायात शुरू किया जाएगा।

अक्षरधाम से बागपत

एक्सप्रेसवे के पहले चरण के खुलने से पूर्वी दिल्ली के निवासियों को विशेष लाभ होगा। अक्षरधाम से लोनी और बागपत तक का सफर न सिर्फ सुगम होगा, बल्कि समय की भी बचत होगी। इसके अलावा, एनएचएआई ने टोल दरों को निर्धारित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है जिससे आवागमन की लागत स्पष्ट हो सके।

वाहनों के दबाव में कमी आने की उम्मीद

इस एक्सप्रेसवे के पहले चरण के पूरा होने पर, दिल्ली-मेरठ और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे यातायात की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। अनुमान है कि नवंबर तक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों की संख्या में कमी आएगी, जिससे लगभग 30 हजार पीसीयू वाहनों का दबाव कम होगा।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे

पहले चरण के पूरा होने के साथ ही, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे न सिर्फ दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी को कम करेगा, बल्कि यह उत्तर भारत के अन्य हिस्सों के साथ भी बेहतर संपर्क स्थापित करेगा। इस प्रकार, यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि यातायात के दबाव को भी कम करेगा, जिससे सड़क सुरक्षा और आरामदायक यात्रा को बढ़ावा मिलेगा।