Bihar Land Registry: बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, अब करवाना पड़ेगा ये काम

भारत में जमीन की खरीद और बिक्री एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है जिसका प्रबंधन और नियंत्रण सरकार द्वारा निर्धारित निबंधन नियमावली के तहत किया जाता है।
 

भारत में जमीन की खरीद और बिक्री (Land Buying and Selling) एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है जिसका प्रबंधन और नियंत्रण सरकार द्वारा निर्धारित निबंधन नियमावली (Registration Rules) के तहत किया जाता है। हाल ही में किए गए संशोधनों ने इस प्रक्रिया की गति और सरलता पर प्रभाव डाला है जिससे राजस्व में कमी और लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।

निबंधन कार्यालयों में बढ़ी भागदौड़

नए नियमों के अनुसार अब केवल जमाबंदी (Land Records) में दर्ज व्यक्तियों द्वारा ही जमीन की रजिस्ट्री की जा सकती है जिससे लोगों को निबंधन और अंचल कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। हालांकि, इस संशोधन से पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney) वाले व्यक्तियों को भी जमीन बेचने की अनुमति मिल गई है जिससे कुछ हद तक विदेश में रहने वाले भारतीयों और उन व्यक्तियों को राहत मिली है जो स्वास्थ्य समस्याओं के कारण स्वयं उपस्थित नहीं हो सकते।

रजिस्ट्री में आई कमी

मधेपुरा निबंधन कार्यालय के अवर निबंधक डॉ. यशपाल के अनुसार नए नियम के कारण जमीन की रजिस्ट्री में महत्वपूर्ण कमी देखी गई है। पहले जहां महीने में 50 से 60 जमीनों की रजिस्ट्री होती थी वहीं अब यह संख्या घटकर 15 से 20 रह गई है। इससे न केवल सरकारी राजस्व (Government Revenue) पर प्रभाव पड़ा है बल्कि जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले व्यक्तियों की परेशानियां भी बढ़ी हैं।

भूमि विवादों में आई कमी

नए नियमों के लागू होने से भूमि विवाद (Land Disputes) में कमी आने की संभावना है। चूंकि अब केवल जमाबंदी में दर्ज नाम वाले व्यक्ति ही जमीन बेच सकते हैं इससे फर्जी बिक्री और विवादों में कमी आएगी। इसके अलावा रजिस्ट्री से पहले सभी संबंधित कागजातों की जाँच पड़ताल से भविष्य में विवादों में कमी आने की उम्मीद है।