क्या 100 की जगह 110 का तेल डलवाने से गड़बड़ी नहीं कर पाते पेट्रोल पंप वाले, बहुत कम लोगों को पता होगी ये खास बात

आजकल पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल ने आम आदमी की जेब पर गहरी चोट की है। ऐसे में पेट्रोल पंप पर होने वाली छोटी से छोटी ठगी भी ग्राहकों के लिए बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। लेकिन अगर थोड़ी....
 

आजकल पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल ने आम आदमी की जेब पर गहरी चोट की है। ऐसे में पेट्रोल पंप पर होने वाली छोटी से छोटी ठगी भी ग्राहकों के लिए बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। लेकिन अगर थोड़ी सावधानी बरती जाए, तो इस प्रकार की ठगी से बचा जा सकता है।

राउंड फिगर से बचें

अधिकतर लोगों की आदत होती है कि वे पेट्रोल पंप पर राउंड फिगर में पेट्रोल भरवाने का ऑर्डर देते हैं। इस तरह की आदत से ठगी का शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, राउंड फिगर के बजाय 10-20 रुपये ज्यादा का पेट्रोल भरवाना बेहतर होता है।

टंकी हमेशा आधी भरी रखें

खाली टंकी में पेट्रोल भरवाने से ग्राहक को नुकसान होता है क्योंकि खाली टंकी में हवा की मात्रा ज्यादा होने से पेट्रोल की मात्रा घट जाती है। इसलिए टंकी को कम से कम आधा भरा हुआ रखें।

मीटर में हेराफेरी

कुछ पेट्रोल पंप पुरानी तकनीक का उपयोग करते हैं, जिसमें हेराफेरी करना आसान होता है। इससे बचने के लिए अलग-अलग पेट्रोल पंपों से तेल डलवाएं और गाड़ी की माइलेज लगातार चेक करते रहें।

डिजिटल मीटर वाले पंप का उपयोग करें

डिजिटल मीटर वाले पेट्रोल पंप पर ही पेट्रोल भरवाना चाहिए क्योंकि पुरानी मशीनों पर कम पेट्रोल भरे जाने का खतरा अधिक होता है।

मीटर जीरो पर सेट हो

पेट्रोल भरवाते समय सुनिश्चित करें कि मीटर जीरो पर सेट है। अक्सर पेट्रोल पंप के कर्मचारी ग्राहकों को बातों में उलझाकर मीटर को जीरो पर नहीं लाते।

गाड़ी से नीचे उतरें

पेट्रोल भरवाते समय गाड़ी से नीचे उतरें और मीटर के पास खड़े रहें। इससे कर्मचारी आपके सामने मीटर जीरो पर सेट करेगा और ठगी की संभावना कम होगी।

नोजल से हाथ हटाने की अनुरोध करें

पेट्रोल भरवाते समय नोजल से हाथ हटाने का अनुरोध करें। इससे पेट्रोल की निकासी की गति सामान्य रहेगी और चोरी की संभावना कम होगी।

मीटर की रीडिंग देखे 

पेट्रोल पंप की मशीन में जीरो तो आपने देख लिया, लेकिन रीडिंग किस अंक से शुरू हुआ, यह नहीं देखा। आपको यह ध्यान रखना होगा कि मीटर की रीडिंग सीधे 10, 15 या 20 अंक से शुरू होती है। मीटर की रीडिंग कम से कम 3 से स्टार्ट होनी चाहिए।