राजस्थान के इन जिलों में 30 दिनों तक नहरें रहेगी बंद, पेयजल को लेकर होगा ये काम
जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने हाल ही में घोषणा की है कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र के 15 जिलों में 20 अप्रेल से 19 मई तक इंदिरा गांधी फीडर एवं मुख्य नहर का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इस अवधि के दौरान पूर्ण नहर बंदी की जाएगी ताकि सिंचाई एवं पेयजल की जरूरतों के लिए आवश्यक 18 हजार क्यूसेक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
इस दिन तक नहर बंदी
आगामी पूर्ण नहर बंदी के लिए जमीनी स्तर पर तैयारी करते हुए, 20 मार्च से 19 अप्रेल तक आंशिक नहर बंदी की जाएगी। इससे पूर्ण नहरबंदी के समय पेयजल सही उपलब्ध हो सके। इस आंशिक बंदी का मुख्य उद्देश्य जीर्णोद्धार कार्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना है।
पूरी प्लानिंग और समन्वय
इस महत्वपूर्ण कदम के लिए विभिन्न विभागों जैसे जल संसाधन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जुड़े अधिकारियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक मजबूत समन्वय स्थापित किया गया है। इसके जरिए, सभी स्तरों पर समन्वित प्रयास सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
क्षमता में वृद्धि की आवश्यकता
अभय कुमार ने यह भी बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना की क्षमता वर्तमान में 12 हजार क्यूसेक तक घट गई है, जबकि इसकी मूल क्षमता 18 हजार क्यूसेक है। नहर के 60 वर्ष पुराने होने के कारण यह क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे सिंचाई एवं पेयजल के लिए आवश्यक पानी की उपलब्धता में कमी आई है।
आवश्यक उपायों का सुझाव
जल भंडारण, नहरों में पोंडिंग, तालाबों, डिग्गियों, जोहड़ और अन्य सार्वजनिक तथा निजी जल स्रोतों के पूर्ण भरण के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे नहरबंदी के दौरान पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
विभागीय समन्वय और सुरक्षा उपाय
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सचिव, डॉ. समित शर्मा ने पानी की चोरी रोकने और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विद्युत विभाग के साथ समन्वय पर जोर दिया है। नहरबंदी से पूर्व पेयजल के लिए ट्यूबवैल एवं हैण्डपंप की अनुमति देने की भी योजना है।
व्यापक प्रभाव और उपलब्धता
इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में आठ जिलों में सिंचाई और 15 जिलों में पेयजल उपलब्धता के लिए यह जीर्णोद्धार महत्वपूर्ण है। इससे क्षेत्र के लगभग 7500 गांवों और ढ़ाणियों में जल उपलब्धता में सुधार होगा।