Chanakya Niti: शादीशुदा औरतों की इन अदाओं को देख होश खो बैठते है कुंवारे लड़के, मौका मिलते ही करने लगती है ये इशारे

चाणक्य के विचार सबसे अधिक अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, कूटनीति, नीति शास्त्र और राजनीति शास्त्र से जुड़े हैं। चाणक्य के जीवन नीति के सिद्धांतों का लोगों पर हमेशा प्रभाव रहा है।
 

चाणक्य के विचार सबसे अधिक अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, कूटनीति, नीति शास्त्र और राजनीति शास्त्र से जुड़े हैं। चाणक्य के जीवन नीति के सिद्धांतों का लोगों पर हमेशा प्रभाव रहा है। मानव जीवन के हर पहलू पर चाणक्य ने नीतियां बताई हैं; उन्होंने अपने नीतिशास्त्र में लोगों को कैसे जीना चाहिए भी बताया है।

चाणक्य ने जीवन को बेहतर बनाने के कई तरीके बताए हैं, चाहे वह पुरुष हो या महिला। चाणक्य का विचार है कि मान-मर्यादा और विचार मिलने से स्त्री-पुरुष का संबंध बेहतर होता है। स्त्री-पुरुष के बीच बेहतर संबंधों से परिवार हमेशा सफलता की तरफ लेकर जाते हैं।

ऐसे में आचार्य चाणक्य ने महिलाओं की उन्नति के बारे में कुछ बातें बताई हैं। यही कारण है कि चाणक्य की इन नीतियों को सही समय पर अपनाया जाए तो जीवन में सफलता मिलेगी। स्त्री को शक्ति का प्रतिरूप माना जाता है, और चाणक्य कहते है कि स्त्रियां सबसे बड़ी शक्ति हैं।

चाणक्य ने स्त्री की सुंदरता को अपनी सबसे बड़ी शक्ति समझा था। स्त्रियों का सुंदर तन और मन दोनों होना उनके सर्वश्रेष्ठ जीवन की ओर ले जाता है। ऐसे में चाणक्य ने महिलाओं, ब्राह्मणों और राजाओं की शक्ति के बारे में कहा कि...

बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् ली।
रूप-यौवन-माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।

स्त्री की ताकत

चाणक्य की मानें तो स्त्रियों की ताकत में उनका मधुर वचन और सौंदर्य सबसे अहम रोल निभाता है। अगर स्त्री तन और मन दोनों से सुंदर हो और मधुर वाणी बोलती हो तो ऐसी स्त्रियों को जीवन में खूब सफलता मिलती है।

उसका मान-सम्मान हर जगह होता है, ऐसी स्त्रियां अपने कुल का मान और मर्यादा दोनों बढ़ाती हैं। उनकी कई पीढ़ियों में इस वजह से अच्छे संस्कार आते हैं। 

ब्राह्मण 

चाणक्य बताते हैं कि अगर कोई ज्ञानी हो तो ऐसे ब्राह्मण पूजनीय हैं और यह उनकी सबसे बड़ी ताकत और उनकी पूंजी है। इसकी वजह से समाज में उन्हें मान-प्रतिष्ठ मिलती है।

ब्राह्मण का मतलब किसी जाति से नहीं बल्कि हर ज्ञानवान व्यक्ति ब्राह्मण है। अगर हालात विपरित हों तो ज्ञान की शक्ति ही आपको संकट से उबारने में सहायक सिद्ध होता है। 

राजा या लीडर

कोई भी राजा या लीडर अगर मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होगा तो लंबे समय तक उसका शासन करना या सत्ता में बने रहना संभव नहीं है। राजा और लीडर अगर स्वयं सामर्थ्य से भरा और ताकतवर हो तो वह अपनी सत्ता को बचाए रख पाएगा।

राजा के पास सभी ताकतें होती हैं मंत्री और सुरक्षाकर्मियों की भरमार होती है लेकिन अगर राजा ताकतवर नहीं हो तो वह इन सबके होते हुए भी सत्ता को संभालने में नाकामयाब रहेगा।