Chanakya Niti: शादी के बाद इस चीज के लिए गैर मर्दों पर दीवानी हो जाती है औरतें, हर पति को पता होनी चाहिए ये बातें
आज दुनिया में महान विद्वान आचार्य चाणक्य को कौन नहीं जानता। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में रिश्तों से संबंधित महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। नीतिशास्त्र में आचार्य चाणक्य ने सुखद वैवाहिक जीवन का राज बताया है। चाणक्य ने आखिर पति-पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए बताया है। चाणक्य सिद्धांत आज भी लोकप्रिय हैं।
इन नीतियों की मदद से लोग आसान और आसान जीवन जीते हैं। चाणक्य कहते हैं कि एक पति-पत्नी का रिश्ता जितना मजबूत होता है, उतना ही नाजुक होता है। लेकिन कुछ कारणों से दोनों के बीच द्वेष पैदा होता है और रिश्ता खत्म होने की कगार पर पहुंचता है। जानिए पति-पत्नी किन बातों पर ध्यान देना चाहिए-
शादीशुदा जीवन को सुखमय और खुशहाल बनाने के बारे में चाणक्य ने बहुत कुछ महत्वपूर्ण बातें लिखी हैं। उसने कहा कि जब शादी के बाद कोई पत्नी अपने पति से संतुष्ट नहीं होती, तो पति को पता तक नहीं चलता कि पत्नी संतुष्ट है या नहीं, और इससे दोनों की जीवन में कोई तीसरी व्यक्ति आता है।
तो चलिए पत्नियों के असंतुष्ट कैसे होते हैं। जैसा कि आचार्य चाणक्य ने कहा है, पति अपनी पत्नी को असंतुष्ट होने पर इन इशारों से खुश कर सकता है। चाणक्य नीति में पत्नी को खुश करने के बारे में बहुत कुछ कहा गया है।
कम बोलना
चाणक्य नीति के अनुसार, जब पत्नियां अपने पति से असंतुष्ट होती हैं तो वे कम बोलती हैं। वह हमेशा शांत रहती है। इसलिए औरतें बहुत बोलती हैं। पति को कभी-कभी चुप रहने को कहना पड़ता है। लेकिन पत्नी कम बोलने लगे तो पति को पता चलना चाहिए कि वह असंतुष्ट है।
यदि आपको ऐसे संकेत मिलने लगे तो अपनी पत्नी को खुश करने के लिए उससे अच्छे से बात कीजिए और उससे अपनी नाराज़गी का कारण पूछिए। यदि आप इस तरह अपनी पत्नी से बात करते हैं, तो वह आपको मान जाएगी।
महिलाओं को हर बात पर गुस्सा आना
पति-पत्नी का रिश्ता महत्वपूर्ण और पवित्र होता है। यदि आपकी पत्नी आपसे किसी बात को लेकर नाराज हो जाए या आपसे झगड़ा करने लगे तो आपको समझना चाहिए कि वह आपसे किसी बात से असंतुष्ट है.
पत्नियां अपने पति को कभी भी परेशान नहीं करना चाहती हैं। यदि आपकी पत्नी आपसे असंतुष्ट है, तो आप उसके बारे में सोचना चाहिए। ताकि दूरियां कम हों।
ये पहचान चरित्रहीन महिलाओं को मिलती है
चाणक्य नीति में चरित्रहीन औरत की पहचान भी बताई गई है। चाणक्य नीति के अनुसार, जो महिलाएं अपने पैर की कनिष्ठा अंगुली और अंगूठे की साथ वाली अंगुली से ज्यादा लंबी हैं, वे परिस्थितियों और हालात के अनुसार अपना चरित्र बदलती हैं। ऐसी महिलाएं बहुत क्रोधित होती हैं। उन्हें नियंत्रित करना बहुत कठिन है। ऐसी महिलाओं का चरित्र विश्वासयोग्य नहीं है।
जिस महिला का पैर का पिछला भाग बहुत मोटा होता है, उसे घर में अशुभ माना जाता है। इसके विपरीत, सुखा या पतला पैर वाली महिलाएं अपने जीवन में कई प्रकार की मुसीबत का सामना करती हैं।
यदि एक महिला का पेट घड़ी की तरह होता है, तो वह जीवन भर गरीबी और दरिद्रता से गुजरेगी। महिलाओं का पेट लंबा या गद्देदार होना बुरा संकेत है।
लम्बी माथा वाली महिलाएं अपने देवर के लिए बुरी मानी जाती हैं। जिन महिलाओं का कमर के नीचे का भाग भारी होता है और उनका पेट लंबा होता है, वे अपने ससुर के लिए बुरी होती हैं।
ऐसी महिला अपने पति के लिए होती है अशुभ
जिन महिलाओं का कद बहुत लंबा और होठों पर अधिक बाल होते हैं, वे अपने पति के लिए खराब मानी जाती हैं। जिन औरतों के कानों में अधिक बाल होते हैं और उनका आकार समान नहीं होता, वे घर में दुख का कारण बनती हैं। ऐसी स्त्री के जीवन में हमेशा दुखों के बादल छाए रहते हैं, जिसके लंबे और चौड़े दांत बाहर निकलते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार, जिन महिलाओं की हाथों की नसों की उबर हथेली के आकार में अंतर या हथेली चपटी हो, वे जीवन भर सुख और धन से विहीन रहते हैं। डरावना और पीली आंखों वाली महिलाओं का स्वभाव अच्छा नहीं होता। चंचल और स्लेटी रंग की आंखें उत्तम होती हैं।
चाणक्य नीति में कहा गया है कि छोटी गर्दन वाली महिलाएं किसी भी निष्पत्ति के लिए दूसरों पर निर्भर होती हैं। जिस महिला की गर्दन चार उंगलियों से लंबी होती है, वह अपने ही वंश को बर्बाद कर सकती है। जिस महिला के गालों पर मोमबत्ती है ऐसी स्त्री का चरित्र सही नहीं कहा जाता। ऐसी स्त्री चाहते हुए भी दूसरों का आकर्षण बन जाती है।
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) ग्रंथ में आचार्य ने कहा कि शादी के बाद महिलाओं को अपने व्यवहार में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन करना चाहिए। वैवाहिक जीवन इन बदलावों से अच्छा होता है। इसके अलावा, पत्नी को अपने पति और ससुराल वालों से कुछ बातें हमेशा छुपाकर रखना चाहिए।
एक दूसरे के पूरक होते हैं पति-पत्नी
आचार्य चाणक्य ने कहा कि पति-पत्नी एक-दूसरे का पूरक होते हैं, लेकिन पत्नियों को अपने पति से कुछ बातें भूलकर भी नहीं कहना चाहिए। इससे संबंधों में कठिनाई होती है। वैवाहिक जीवन में खुशहाल रहना चाहते हैं तो आचार्य चाणक्य की इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
ससुराल वालों की नहीं करनी चाहिए बुराई
महिलाओं को कभी भी अपने पति के सामने अपने ससुराल वालों का अपमान करना चाहिए। इसके अलावा, आपको अपने पिता के घर के रहस्यों को नहीं बताना चाहिए। पति से ऐसी बातें नहीं शेयर करना चाहिए, जो दोनों परिवारों को विभाजित कर सकते हैं। पति-पत्नी का रिश्ता इससे प्रभावित हो सकता है।
पति की आय का एक हिस्सा बचाएं
आचार्य चाणक्य ने कहा कि पत्नी को हमेशा अपने पति का पैसा या खुद का पैसा बचाना चाहिए। यह धन परिवार को कठिन समय में बहुत राहत देता है।
दूसरे मर्दों से अपने पति की तुलना नहीं करें
वैवाहिक जीवन में शांति चाहने वाली पत्नी को अपने पति को किसी दूसरे व्यक्ति से तुलना नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से पति का अपमान हो सकता है। वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण हो सकता है।
क्रोध को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण
चाणक्य नीति के अनुसार, पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति हमेशा विनम्र व्यवहार करना चाहिए। वह जो अपने क्रोध पर नियंत्रण रखता है, उसका विवाह सफल होता है।
बातूनी महिलाएं
पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक बातूनी होती हैं; जिन महिलाओं के पति उनसे हर बात पर बात करते हैं, वे हमेशा खुश रहती हैं, लेकिन जिन महिलाओं के पति शांत स्वभाव के होते हैं, वे अक्सर असंतुष्ट रहती हैं।
चाणक्य सिद्धांत कहता है कि जब पति बात नहीं करते तो रिश्ता बिखर जाता है और औरतें शांत हो जाती हैं।
गुस्सैल महिलाएं
चाणक्य सिद्धांत के अनुसार, कुछ महिलाओं का स्वभाव शुरू से ही क्रोधपूर्ण होता है। ये औरतें कुछ भी नहीं देखकर बैठ जाती हैं। चाणक्य ने कहा कि ऐसी महिलाएं अपने पतियों से हमेशा असंतुष्ट रहती हैं।
इन्हें पता नहीं कब गुस्सा आ जाएगा। ऐसे में वे चाहती हैं कि दूसरा व्यक्ति उनकी इच्छाओं को पूरा करे, जिससे पति अक्सर असफल होते हैं और रिश्ते बिगड़ते हैं।
स्वार्थपूर्ण महिलाएं
कुछ लोग सिर्फ खुद पर विचार करते हैं। ये वहीं करते हैं, जहां वे लाभदायक हैं। ये आदतें महिलाओं में अधिक होती हैं। ऐसी महिलाएं भी अपने पति से अपेक्षा करती हैं कि वे सिर्फ अपनी इच्छा के अनुसार काम करें और काम खत्म होने पर अगले स्वार्थ की ओर बढ़ें। ऐसी पत्नी कभी भी अपने पति से खुश नहीं होती क्योंकि वे रिश्तों से अधिक अपना स्वार्थ चाहती हैं।