चंडीगढ़ में पानी बर्बाद करने वालों के खिलाफ होगा ऐक्शन, नगर निगम लगाएगा जुर्माना

गर्मी के मौसम में चंडीगढ़ में पानी की भारी मांग होती है। इस दौरान निवासियों को अक्सर पानी की कमी की समस्या से जूझना पड़ता है। हर साल यह समस्या गर्मियों के दिनों में और भी बढ़ जाती है। इसलिए इस वर्ष नगर निगम ने पहले से ही कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है ताकि नागरिकों को पानी की कमी की समस्या न हो।

 

गर्मी के मौसम में चंडीगढ़ में पानी की भारी मांग होती है। इस दौरान निवासियों को अक्सर पानी की कमी की समस्या से जूझना पड़ता है। हर साल यह समस्या गर्मियों के दिनों में और भी बढ़ जाती है। इसलिए इस वर्ष नगर निगम ने पहले से ही कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है ताकि नागरिकों को पानी की कमी की समस्या न हो।

अभियान की शुरुआत और नियमों का सख्ती से पालन

नगर निगम ने 15 अप्रैल से एक विशेष अभियान की शुरुआत की है जिसमें पानी की बर्बादी रोकने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अंतर्गत पानी की बर्बादी करने वालों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और दोहराव होने पर पानी का कनेक्शन भी काट दिया जाएगा। निगम ने इस कार्य के लिए 18 टीमें बनाई हैं जिनमें जल आपूर्ति विभाग के अधिकारी शामिल हैं जो शहर के विभिन्न हिस्सों में जाकर नियमों का पालन के बारे में बताएंगे।

नियमों की जानकारी और उनका महत्व

चंडीगढ़ नगर निगम ने पानी की बर्बादी को रोकने के लिए कई नियम निर्धारित किए हैं। जैसे कि ताजे पानी से वाहन धोना या आंगन साफ करना मना है। लॉन में भी सीधे पानी डालने पर प्रतिबंध है। इसके अलावा वॉटर मीटर के चैंबर में लीकेज, डेजर्ट कूलर में लीकेज और ओवरफ्लो की जाँच पर भी निगम की नजर होगी। ये सभी उपाय पानी की बर्बादी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं और इनका पालन करना हर नागरिक के लिए जरूरी है।