दुनिया के इस कोने में सबसे अलग तरीके से खेला जाता है शतरंज का खेल, जहां प्लास्टिक के प्यादे की जगह होते है असली इंसान और जानवर
पिछले दिनों भारत के युवा ग्रैंड मास्टर और चेस के खिलाड़ी प्रज्ञानानंदा ने फैबियानो कारुआना को कड़ी टक्कर दी, जिसके बाद उनकी काफी तारीफ हुई। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे मुलाकात की थी। शतरंज को खेलने वाले लोग ही जानते हैं कि यह एक जटिल और मनोरंजक खेल है।
प्लास्टिक या लकड़ी के 64 बॉक्स में प्यादे, घोड़े, हाथी, राजा और वजीर अपनी चाल चलाते हैं और अपने प्रतिद्वंदी को कड़ी चुनौती देते हैं, तो उत्सुकता चरम पर पहुंच जाती है। पर क्या होगा अगर असली जानवर चेस के निर्जीव प्यादे को खेलने लगें?
ऐसा ही कुछ इटली में होता है, जहां एक बहुत अलग तरह की प्रतियोगिता होती है। इटली के वेनिस शहर से बेहद नजदीक एक छोटा सा कस्बा है, जिसका नाम मारोस्टिका है। यहां हर दो साल पर, सितंबर के दूसरे हफ्ते में चेस के खेल का आयोजन होता है।
ये खेल चेस की उन तमाम प्रतियोगिताओं से अलग होती है जिसे आप टीवी पर देखते हैं। इस प्रतियोगिता की खासियत ये है कि इसे प्लास्टिक या लकड़ी के बोर्ड पर नहीं खेला जाता, ना ही इसमें प्लास्टिक के प्यादे होते हैं।
इस प्रतियोगिता में इंसान शामिल होते हैं जो खुद चेस के प्यादे बन जाते हैं। इसके अलावा खेल में असली के जानवरों का इस्तेमाल किया जाता है। इस फेस्टिवल को नाम से जाना जाता है जिसके शुरू होने की कहानी काफी रोचक है।
इस वजह से शुरू हुआ था ये खेल
लोगों का मानना है कि सैकड़ों साल पहले इस कस्बे में दो लेखक Renaldo d Anganaro और Vieri da Vallanora रहते थे। उन्हें लोकल गवर्नर तददेओ पारसिओ की बेटी लेनोरा से प्यार हो गया। उस समय, दो लोगों को एक दूसरे से टकराव करके मामला सुलझाना पड़ा था।
इसलिए दोनों नौजावन लड़की के लिए युद्ध करने को तैयार हो गए! उन्हें गवर्नर ने नसीहत दी कि वे चेस खेलें और उसे देखें कि कौन लियोनारा को खरीद सकता है। पिता ने विजेता की शादी लियोनारा से करवाने का निर्णय लिया, लेकिन हारने वाले की शादी लियोनारा की बहन ऑर्लैंडो से होनी थी।
शहर की किले के निकट सेंट्रल स्क्वायर में खेल खेला गया। विरोधी पक्षों को सपोर्ट करने के लिए प्रशंसक सफेद और काले पोस्टर लेकर आए। गवर्नर और उनका परिवार शहर के प्रत्येक नागरिक के साथ प्रतियोगिता में भाग लेने आए।
Governor ने फैसला किया कि प्रतियोगिता में सैनिकों, पैदल सेना, शूरवीरों, आतिशबाजी, संगीत और नृत्य की प्रदर्शनी भी होगी। माना जाता है कि इस त्योहार को बस तभी से आयोजित किया गया था। हालाँकि, दोनों में से किसकी जीत हुई, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
कब होगी अगली प्रतियोगिता
आपको बता दें कि अब ये उत्सव अगले साल यानी 6 से 8 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा जिसमें फिर शतरंज की बाजी सजेगी और इंसान-जानवर मिलकर इसे खेलेंगे। इस खेल में इंसानों के साथ घोड़े शामिल होते हैं जिसपर इंसान ही बैठते हैं। सभी लोग 15वीं सदी के दौर के कपड़े पहनते हैं। इस खेल की फोटोज भी सोशल मीडिया पर अक्सर वायरल हो जाती हैं।