अब 18 साल से कम उम्र के बच्चे नही चला पाएंगे बाइक और स्कूटी, जेल के साथ लगेगा भारी जुर्माना

उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में सख्ती बरतते हुए एक नई पहल की है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों के वाहन चलाने पर नज़र रखी जाएगी और उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह कदम वाहन चलाने की उम्र की सीमा को और अधिक सख्ती से लागू करने के लिए उठाया गया है।

 

उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में सख्ती बरतते हुए एक नई पहल की है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों के वाहन चलाने पर नज़र रखी जाएगी और उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह कदम वाहन चलाने की उम्र की सीमा को और अधिक सख्ती से लागू करने के लिए उठाया गया है।

परिवहन आयुक्त का आदेश

उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त ने सभी परिवहन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे वाहन न चला पाएं। इसका मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और युवा जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

शिक्षण संस्थाओं में जागरूकता

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने भी प्रदेश के सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। इस कदम का उद्देश्य छात्रों और अभिभावकों में इस नियम के प्रति जागरूकता फैलाना है।

कानून क्या कहता है?

मोटर व्हीकल एक्ट 1988 और इसके 2019 संशोधन के अनुसार, 18 साल से कम उम्र के नाबालिगों को मोटर वाहन चलाने की अनुमति नहीं है। अपराध में लिप्त पाए जाने पर वाहन मालिक या संरक्षक पर 3 साल तक की जेल और 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।

कड़े परिणाम

इस नए नियम के तहत न केवल वाहन मालिक पर कार्रवाई की जाएगी बल्कि वाहन का रजिस्ट्रेशन भी एक साल के लिए रद्द किया जा सकता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से ले रही है।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

इस कदम के माध्यम से, यह आवश्यक हो जाता है कि समाज भी इस नियम के महत्व को समझे और इसका समर्थन करे। अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को इस नियम के प्रति जागरूक करें और उन्हें वाहन चलाने की अनुमति देने से पहले उनकी उम्र को ध्यान में रखें।