बच्चों को एक दिन में कितने घंटे से ज़्यादा मोबाइल नही करना चाहिए इस्तेमाल, वरना हो सकती है ये दिक्कत

वर्तमान समय में स्मार्टफोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह हमारे रोजमर्रा के कार्यों को सरल और सुगम बनाने के साथ-साथ मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण साधन भी है। हालांकि इसके कई दुष्प्रभाव भी हैं खासकर बच्चों पर।
 

वर्तमान समय में स्मार्टफोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह हमारे रोजमर्रा के कार्यों को सरल और सुगम बनाने के साथ-साथ मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण साधन भी है। हालांकि इसके कई दुष्प्रभाव भी हैं खासकर बच्चों पर। आज हम आपको इस आर्टिकल में इस बारे में बताने जा रहे है।

ऑनलाइन गेमिंग की लत

राजस्थान के अलवर में हाल ही में घटित एक घटना ने हर माता-पिता को चिंतित कर दिया है। ऑनलाइन गेमिंग की लत ने एक 14 वर्षीय बच्चे के मानसिक संतुलन को इस हद तक बिगाड़ दिया कि उसे स्पेशल बच्चों के हॉस्टल में रखा जा रहा है। इस घटना से यह साबित होता है कि स्मार्टफोन और इंटरनेट का अत्यधिक उपयोग कितना हानिकारक हो सकता है।

स्मार्टफोन की बढ़ती मांग और उसके दुष्परिणाम 

पिछले एक दशक में स्मार्टफोन का विस्तार भारत में तेजी से हुआ है। खासकर कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूल बंद थे और ऑनलाइन क्लासेज शुरू हुईं, तब बच्चों का स्क्रीन टाइम (Screen Time) काफी बढ़ गया। यही नहीं, बच्चे ऑनलाइन गेमिंग की ओर भी आकर्षित हुए, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

बच्चों के लिए स्मार्टफोन इस्तेमाल का सही समय 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दो से चार वर्ष के बच्चों का स्क्रीन टाइम एक दिन में एक घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए। चार वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए दो घंटे प्रतिदिन का समय उचित है। इससे अधिक स्क्रीन का इस्तेमाल उनकी आंखों और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।

सरकारी पहल और दिशानिर्देश 

मानव विकास संसाधन मंत्रालय ने "प्रज्ञाता" नामक दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान बच्चों के स्क्रीन टाइम को सीमित करने के लिए सुझाव देते हैं। इसमें बच्चों की उम्र के अनुसार स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न सिफारिशें शामिल हैं।