रेल्वे स्टेशन पर टाइम पास के लिए जाने वालों की बढ़ेगी मुश्किलें, अगर ये गलती की तो हो सकती है कार्रवाई

रेलवे स्टेशनों पर यात्री ट्रेनों का इंतजार करते हुए घंटों बिताते हैं। यहाँ तक कि यात्री प् लेटफार्म पर चादर बिछाकर सो जाते हैं और अगले दिन ट्रेन पकड़ते हैं। इस तरह स्टेशन पर रुकना अच्छा है, लेकिन बिना किसी उद्देश्य के स्टेशन....
 

रेलवे स्टेशनों पर यात्री ट्रेनों का इंतजार करते हुए घंटों बिताते हैं। यहाँ तक कि यात्री प् लेटफार्म पर चादर बिछाकर सो जाते हैं और अगले दिन ट्रेन पकड़ते हैं। इस तरह स्टेशन पर रुकना अच्छा है, लेकिन बिना किसी उद्देश्य के स्टेशन पर बैठना या घूमना रेल मैन् युअल के तहत अपराध है और इसके लिए संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना भी हो सकता है। रेलवे नियम क्या हैं?

रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेन पकड़ने या ट्रेन से उतरकर अपने गंतव् य जाते हैं, जैसा कि उत्तर रेलवे के मुख् य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार बताते हैं। स् टेशन पर उतरने के बाद कई यात्री दूसरी ट्रेन के इंतजार में वहीं रुक जाते हैं।

इस तरह, यात्री स्टेशन हर समय यहां आते हैं। रेलवे स्टेशन घूमने के लिए कोई जगह नहीं है। इसलिए, बिना किसी उद्देश्य के यहां आना रेलवे कानून के खिलाफ है और 500 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

जान लें रेल मैन्‍युअल के नियम

देश में लगभग 7000 रेलवे स्टेशन हैं। इसमें ए, बी, सी और डी श्रेणियां हैं। रेलवे का कमर्शियल विभाग ऐसे लोगों को भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर कार्रवाई करता है। जुर्माना वसूलता है और आवश्यक समझे जाने पर व्यक्ति को आरपीएफ देता है।

शहरों के बाहर के प्‍लेटफार्म में टहलने आते हैं

रेलवे से जुड़े लोगों का कहना है कि यह नियम सिर्फ शहरों के व्यस्त स्टेशनों पर लागू होता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन एक या दो ट्रेन रुकती हैं। ऐसे स्थानों पर ऐसे लोगों को बिना किसी उद्देश्य के रोकना असंभव है। शहरों में सुबह आसपास के स्टेशनों पर भी लोग जाते हैं।

ऐसे लोग सबसे सस्ता एमएसटी बनवा लेते हैं। सुबह किसी ट्रेन से शहर से बाहर स्टेशन पर जाकर वहां घूमते हैं। कारण यह है कि बाहर के स्टेशनों में ट्रेनें कम होने से यात्रियों की संख्या भी कम होती है। शहरों में टहलते समय लोगों को बाइक या कार से डर लगता है।