ट्रेन सफर के दौरान मोबाइल चार्ज लगाने की मत कर देना भूल, वरना बैंक अकाउंट तक हो सकता है खाली
भारतीय रेलवे जो देश की आधी से ज्यादा आबादी को एक से दूसरे स्थान पर पहुंचाने का महत्वपूर्ण साधन है यात्रियों के सुखद अनुभव के लिए अनेक सुविधाएँ प्रदान करता है। इसके अलावा आज के डिजिटल युग में जहाँ हर किसी के पास मोबाइल फोन और लैपटॉप है रेलवे ने यात्रा के दौरान चार्जिंग की सुविधा को भी सुनिश्चित किया है।
चार्जिंग की सुविधा और सुरक्षा का सवाल
ट्रेनों में चार्जिंग पॉइंट की सुविधा होने के बावजूद यह जानकारी चिंताजनक है कि सार्वजनिक चार्जिंग प्वाइंट पर अपना फोन चार्ज करने से आपका डेटा चोरी हो सकता है। इस प्रकार की हैकिंग जिसे 'जूस जैकिंग' कहा जाता है के माध्यम से आपका फोन हैक किया जा सकता है और आपके निजी डेटा को चुराया जा सकता है।
जूस जैकिंग
जूस जैकिंग वास्तव में एक साइबर अपराध है जहाँ अपराधी रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, होटल या शॉपिंग सेंटर जैसे स्थानों पर लोगों को उनके सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट के जरिए अपना शिकार बनाते हैं। इसके जरिए फोन में मैलवेयर और मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किए जाते हैं जिसके बाद उपभोक्ता का निजी डेटा चुरा लिया जाता है।
सावधानियां और सुरक्षा उपाय
भारतीय रेलवे के यात्रियों को इस तरह के साइबर खतरों से बचाव के लिए सचेत रहने की जरूरत है। सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट का उपयोग करते समय विशेष रूप से डेटा ब्लॉकर का इस्तेमाल करना चाहिए जो डेटा ट्रांसफर को रोकता है और केवल चार्जिंग की अनुमति देता है। इसके अलावा, पावर बैंक का इस्तेमाल करना भी एक सुरक्षित विकल्प है जिससे धोखाधड़ी या धोखाधड़ी से बचा जा सकता है।