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आचार्य चाणक्य जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। उनकी नीतियां और सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने की उनके समय में थे। चाणक्य नीति एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें जीवन के हर पहलू को सुगम और सफल बनाने के लिए गहराई से चर्चा की गई है।
चाहे वह धन का प्रबंधन हो संपत्ति की रक्षा पारिवारिक संबंधों का निर्वहन या मित्रता और दुश्मनी के बीच का संतुलन चाणक्य के विचार हर क्षेत्र में मार्गदर्शक सिद्ध हुए हैं। चाणक्य ने न केवल भारतीय समाज को बल्कि पूरे मानव समुदाय को एक नैतिक और सफल जीवन जीने का मार्गदर्शन किया।
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उनकी नीतियां और शिक्षाएं आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी कि सदियों पहले थीं। उनकी नीति शास्त्र में वर्णित समाधान और सुझाव आज के युग में भी व्यक्ति को न केवल सफल बनाते हैं बल्कि एक नैतिक जीवन जीने की प्रेरणा भी देते हैं।
महिलाओं का स्वभाव और उनकी फितरत
चाणक्य ने महिलाओं के स्वभाव और फितरत पर विशेष रूप से गहन अध्ययन किया है। उन्होंने महिलाओं की विभिन्न प्रवृत्तियों पर विचार किया और कई महत्वपूर्ण बातें अपने नीति ग्रंथ में उल्लेखित कीं।
उनके अनुसार कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जिनपर अत्यधिक भरोसा करना सावधानीपूर्वक विचार करने योग्य होता है। उन्होंने जोर दिया कि बाहरी सुंदरता की अपेक्षा एक स्त्री के गुण संस्कार और शिक्षा को अधिक महत्व देना चाहिए।
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दुष्टता से बचने के उपाय
चाणक्य ने अपनी नीतियों में दुष्ट लोगों से बचने के भी उपाय बताए हैं। उन्होंने लिखा है कि कैसे एक अहंकारी और लालची स्त्री न केवल पारिवारिक सुख-शांति को भंग कर सकती है बल्कि पूरे परिवार को बर्बाद भी कर सकती है। इसी तरह धर्म-कर्म में आस्था न रखने वाली स्त्री के साथ संबंध भी विवेकपूर्ण नहीं माने गए हैं।