कार खरीदते वक्त भूलकर भी मत कर देना ये बड़ी गलती, वरना हवालात में बितानी पड़ सकती है रात

पुरानी कार खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं तो आप कुछ बातों को जानना चाहिए।
 

पुरानी कार खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं तो आप कुछ बातों को जानना चाहिए। कार खरीदने और बेचने पर कई दस्तावेज लगाए जाते हैं। इन दस्तावेजों में कुछ आवश्यक फॉर्म भी शामिल हैं। नंबर 30 फॉर्म सबसे महत्वपूर्ण है। ये फार्म कार मालिक को आरटीओ में जमा करता है और इसके बिना आप गाड़ी नहीं पकड़ सकते हैं यदि आपने इसे खरीदा है।

यदि ऐसा नहीं होता तो आप परेशानी में आ सकते हैं। जेल की सजा के साथ जुर्माना भी हैऐसे में हमारे लिए कार खरीदने से पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर क्या है फॉर्म 30. इसके लिए किस तरह से आवेदन किया जा सकता है. साथ ही इस फॉर्म में क्या-क्या इंफॉर्मेशन की जाती हैं.

क्या है फॉर्म 30

मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार बेचते समय आरटीओ में पहले फॉर्म 29 जमा करना होता है, जो ओनरशिप डिक्लेरेशन से संबंधित है। इसके बाद फॉर्म 30 भेजा जाता है। ये फॉर्म कार को ट्रांसफर करने और बेचने की जानकारी देता है। ये आरटीओ में कार बेचने के 14 दिनों के अंदर भेजा जाना चाहिए। इस प्रकार की दो कॉपियां हैं। आरटीओ फॉर्म को स्वीकार करने के बाद ही कार का लीगल ट्रांसफर होता है।

चार हिस्सों में बंटा है फॉर्म:

Part A- ओनरशिप ट्रांसफर करने वाले के बारे में जानकारी.
Part B- खरीदार की पूरी डिटेल.
Part C- फाइनेंसर और लोन के संबंध में पूरी जानकारी.
Part D- रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की जानकारी.

ऑनलाइन करें अप्लाई:

परिवहन एप की वेबसाइट देखें। यहां इंफॉर्मेशन सर्विस ऑप् शन चुनें।
यहां से डाउनलोड फॉर्म का विकल्प चुनें और सभी फॉर्म पर क्लिक करें।

यहां फॉर्म 30 डाउनलोड करने का चयन करें। साथ ही आवेदक का नाम, पिता/पति का नाम और पता रजिस् टर करें।कार का रजिस्ट्रेशन नंबर, खरीदार का नाम और पता दर्ज करें।
यह फॉर्म भरकर आरटीओ में भेजें। यहां पर, संबंधित अधिकारी ट्रांसफरर और फाइनेंसर के नाम का हाइपोथिकेशन करेगा, यानि रजिस्ट्रेशन।