ज़बानी के दिनों की इन 5 गंधी आदतों के कारण मर्दों को शादी के बाद होता है पछतावा, बीवियों से जमकर सुनने पड़ते है ताने

आचार्य चाणक्य को एक महान शिक्षाविद्, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री व कूटनीतिज्ञ माना गया है। कहते हैं कि आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करना मुश्किल है, लेकिन जिसने भी पालन कर लिया उसे जीवन में सफलता जरूर हासिल होती है।
 

आचार्य चाणक्य को एक महान शिक्षाविद्, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री व कूटनीतिज्ञ माना गया है। कहते हैं कि आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करना मुश्किल है, लेकिन जिसने भी पालन कर लिया उसे जीवन में सफलता जरूर हासिल होती है।

आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में जीवन के तमाम पहलुओं से जुड़े प्रश्नों के सटीक उत्तर दिए हैं। इन उत्तरों के जरिए जातक आज भी जीवन में सफलता हासिल करते हैं। चाणक्य ने नीति शास्त्र के अध्याय दो के एक श्लोक में बताया है कि स्त्रियों में आमतौर कौन-से दोष पाए जाते हैं।

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अनृतं साहसं माया मूर्खत्वमतिलोभिता |
अशौचत्वं निर्दयत्वं स्त्रीणां दोषाः स्वभावजाः ||

झूठ बोलना, बिना सोचे-समझे किसी कार्य को प्रारंभ कर देना, दुस्साहस करना, छलकपट करना, मूर्खतापूर्ण कार्य करना, लोभ करना, अपवित्र रहना और निर्दयता- ये स्त्रियों के स्वाभाविक दोष हैं।

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झूठ बोलना

स्त्रियों में आमतौर पर ये दोष पाए जाते हैं। वे सामान्य तौर पर झूठ बोल सकती हैं। अपनी शक्ति का विचार न करके अधिक साहस दिखाती हैं। छल कपट पूर्ण कार्य करती हैं। 

अपवित्र रहना और निर्दयता

मूर्खता, अधिक लोभ, अपवित्रता तथा निर्दयी होना ये ऐसी बातें हैं जो आमतौर पर स्त्रियों के स्वभाव में होती हैं। ये स्त्रियों के स्वाभाविक दोष हैं, जो कि आमतौर पर ज्यादातर स्त्रियों में होते हैं। 

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अशिक्षित स्त्रियां इन दोषों से युक्त

अब तो स्त्रियां शिक्षित होती जा रही हैं। समय बदल रहा है। लेकिन आज भी अधिकांश अशिक्षित स्त्रियां इन दोषों से युक्त हो सकती हैं। इन दोषों को स्त्री की समाज में स्थिति और उसके परिणामस्वरूप बने उनके मनोविज्ञान के संदर्भ में देखना चाहिए।