जावानी के दिनों में लड़कों की इन ग़लतियों के कारण शादी के बाद आती है ये बड़ी प्रॉब्लम, पत्नी को भी नही कर पाते खुश
हम सभी हर रोज जिंदगी में तरह-तरह की समस्याओं से लड़ रहे हैं। तमाम तरह की चुनौतियां हर रोज आपके समक्ष बाहें फैलाकर खड़ी रहती हैं। आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षाविद और अर्थशास्त्री थे। उनके विचार और नितियां कठिन भले ही हों लेकिन यदि एक बार उन्हें आपने अपने जीवन में आत्मसात कर लिया तो सफलता आपके कदम चूमेगी।
दरअसल जीवन के संदर्भ में चाणक्य ने बहुत सी ऐसी बाते बताई हैं जो लगती सामान्य हैं पर यदि कोई इन्हें अपना ले तो कठिन जिंदगी थोड़ी आसान हो जाएगी। आप भी इन बातों को अपनाएं और देखें परिवर्तन।
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उच्च कोटि के लोगों की संपत्ति होती है अलग
चाणक्य कहते हैं अधम लोग केवल रूपये-पैसे की इच्छा रखते हैं। मध्यम कोटि के लोग धन और यश की इच्छा करते हैं। लेकिन उच्च कोटि के व्यक्ति मान की कामना करते हैं। क्योंकि मान ही उनकी असली संपत्ति है।
ज्ञान वही अच्छा है जो आपके व्यवहार में आए
चाणक्य कहते हैं ऐसा ज्ञान जो व्यवहार में न उतारा जा सके बेकार है। ज्ञान से रहित पुरुष का जीवन बेकार है। अज्ञान की वजह से ही पुरुष मृत्यु को प्राप्त होता है। सेना नायक के बिना सेना नष्ट हो जाती है।
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ये हैं जीवन के मूल
चाणक्य कहते हैं शान्ति की तरह कोई दूसरा तप नहीं है, संतोष से बढ़कर सुख कोई नहीं है, तृष्णा से बड़ी कोई बीमारी नहीं है और दया से बढ़कर कोई धर्म नहीं है।
जीवन में करें संतोष
गुस्सा तो साक्षात काल है। तृष्णा वैतरिणी नदी के समान है। विद्या कामधेनु की तरह फल देने वाली है तथा संतोष नंदनवन के समान है।
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व्यक्ति के असली आभूषण हैं ये
गुण व्यक्ति के रूप को अलंकृत करता है। शीलवान आचरण कुल को अलंकृत कर देता है। सिद्धि विद्या को विभूषित करती है और भोग धन-संपत्ति को विभूषित करता है।
कौन पाता है असली सम्मान
चाणक्य कहते हैं दुनिया में विद्वान ही प्रशंसा के योग्य है। विद्वान ही सभी जगह सम्मान पाता है। विद्या से सब कुछ प्राप्त होता है। विद्या ही सब जगहों पर पूजी जाती है।