Electric Highway: भारत में इस जगह बनेगा देश का पहला इलेक्ट्रिक हाइवे, 100 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ेगे वाहन

भारत (India) में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की मांग में जबरदस्त इजाफा हो रहा है। सरकार (Government) भी इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए इलेक्ट्रिफिकेशन (Electrification) की राह पर अग्रसर है।
 

भारत (India) में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की मांग में जबरदस्त इजाफा हो रहा है। सरकार (Government) भी इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए इलेक्ट्रिफिकेशन (Electrification) की राह पर अग्रसर है।

देश का पहला इलेक्ट्रिक हाईवे

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) की घोषणा के अनुसार, दिल्ली-जयपुर (Delhi-Jaipur) के बीच देश का पहला इलेक्ट्रिक हाईवे (Electric Highway) बनाने की योजना है। यह 200 किलोमीटर लंबा हाईवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ एक नई लेन पर विकसित किया जाएगा।

इलेक्ट्रिक हाईवे कैसे काम करेगा?

विश्वभर में इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने के लिए तीन तरह की टेक्नोलॉजी (Technology) का इस्तेमाल होता है - पेंटोग्राफ (Pantograph), कंडक्शन (Conduction), और इंडक्शन (Induction)। इनमें पेंटोग्राफ मॉडल का उपयोग करके सड़क के ऊपर एक तार लगाया जाता है, जिसके जरिए वाहनों को बिजली सप्लाई की जाती है।

इलेक्ट्रिक हाईवे के लाभ

इलेक्ट्रिक हाईवे (Electric Highway) से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे लॉजिस्टिक लागत (Logistic Cost) में 70 प्रतिशत तक की कमी आने की संभावना है, जिससे महंगाई (Inflation) में कमी आ सकती है। इसके अलावा, यह पूरी तरह से इको फ्रेंडली (Eco-friendly) होगा, जो पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के मुकाबले पर्यावरण (Environment) के लिए कम हानिकारक होगी।

इलेक्ट्रिक हाईवे पर चलने वाले वाहनस्वीडन (Sweden) और जर्मनी (Germany) जैसे देशों में इलेक्ट्रिक हाईवे पर मुख्यतः माल वाहन (Freight Vehicles) चलते हैं। इस हाईवे पर निजी वाहनों (Private Vehicles) के लिए भी थोड़ी-थोड़ी दूरी पर चार्जिंग स्टेशन (Charging Stations) बनाए जाएंगे।