शादी के बाद भी जापान में पति-पत्नी सोते है अलग-अलग, इस कारण के चलते एक बेड पर सोने की है मनाही

विवाह दो जीवनों का संगम होता है जहां दो लोग साथ में अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करते हैं। इस संगम में एक-दूसरे के साथ जीवन बिताना शामिल है। भारतीय समाज में आमतौर पर शादी के बाद पति-पत्नी एक ही कमरे में...
 

विवाह दो जीवनों का संगम होता है जहां दो लोग साथ में अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करते हैं। इस संगम में एक-दूसरे के साथ जीवन बिताना शामिल है। भारतीय समाज में आमतौर पर शादी के बाद पति-पत्नी एक ही कमरे में सोते हैं लेकिन जापान में इस परंपरा का एक अलग ही रूप देखने को मिलता है।

जापान में पति-पत्नी के अलग-अलग सोने की परंपरा न केवल उनके बीच के प्यार को प्रदर्शित करती है बल्कि यह उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और नींद की गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करती है। यह प्रथा हमें यह सिखाती है कि हर संस्कृति और समाज में रिश्तों को बनाए रखने के अपने अनूठे तरीके होते हैं।

जापान में अलग-अलग सोने की परंपरा

जापानी समाज में पति-पत्नी द्वारा अलग-अलग कमरों में सोने की परंपरा है। यह सुनने में भले ही आश्चर्यजनक लगे लेकिन यह प्रथा उनके संबंधों को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से निभाई जाती है।

सर्वेक्षण द्वारा प्राप्त जानकारी 

टोक्यो फैमिलीज की रिपोर्ट और गुरुनवी वेबसाइट द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार जापान में केवल 29.2% कपल्स ही एक ही बेड पर सोते हैं। यह सर्वेक्षण 20 से 69 वर्ष के आयु वर्ग के 1,662 जोड़ों पर आधारित था।

सोने और उठने के समय में अंतर

एक प्रमुख कारण जिसके चलते जापानी पति-पत्नी अलग-अलग सोते हैं वह है उनके सोने और जागने के समय में अंतर। यह प्रथा उन्हें बिना किसी बाधा के पूर्ण नींद लेने में मदद करती है।

बच्चे और मां का साथ सोना

जापानी संस्कृति में बच्चे अक्सर अपनी माँ के साथ सोते हैं। इससे बच्चों की मानसिक सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है और उनके हृदय की धड़कन भी सामान्य रूप से बनी रहती है।

क्वालिटी स्लीप की ओर ध्यान

अलग-अलग सोने की प्रथा को जापान में क्वालिटी स्लीप के नजरिए से देखा जाता है। इससे दोनों पार्टनर्स की नींद में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती है।

व्यक्तिगत पसंद और सामाजिक संस्कृति

इस प्रथा को अपनाने में व्यक्तिगत पसंद का भी बहुत बड़ा हाथ है। जापान में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और स्पेस को महत्व दिया जाता है।