बांस की खेती करके किसान हो सकते है मालामाल, जाने कैसे होगी बंपर कमाई

हमारे यहां के किसान पारंपरिक खेती के तरीकों से हटकर नई-नई फसलों की ओर अग्रसर हो रहे हैं
 

हमारे यहां के किसान पारंपरिक खेती के तरीकों से हटकर नई-नई फसलों की ओर अग्रसर हो रहे हैं जिससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा (Profitable Farming) भी हो रहा है. जहां पहले धान, गेहूं और सरसों की खेती प्रमुख थी वहीं अब बांस की खेती को लेकर विशेष रुचि देखी जा रही है.

बांस की खेती का बढ़ता चलन

बांस की खेती कर रहे किसान अपने अनुभवों के आधार पर बता रहे हैं कि यह खेती न सिर्फ कम लागतीली है बल्कि अधिक मुनाफा (High Yield Crop) भी देती है. बाराबंकी जिले के सैदाहा गांव के प्रगतिशील किसान संग्राम सिंह ने बताया कि उन्होंने बांस की खेती से 4 लाख रुपये तक का मुनाफा कमाया है.

बांस की खेती की बढ़ती मांग

बांस की मार्केट डिमांड बहुत अधिक है, खासकर फर्नीचर उद्योग में. इसके अलावा, सजावटी सामान और उपयोगी उत्पादों में भी बांस का उपयोग होता है. यह विविधता किसानों को बांस की खेती की ओर आकर्षित करती है और वे इससे अच्छी कमाई कर पा रहे हैं.

किसान संग्राम सिंह का अनुभव

संग्राम सिंह ने पहले धान, गेहूं, मेंथा, सरसों आदि की खेती की थी लेकिन जब उन्होंने बांस की खेती शुरू की तो उन्हें बेहतर आर्थिक लाभ हुआ. उन्होंने मध्य प्रदेश से बाल कुआं वैरायटी का बांस का पौधा मंगवाया और उसे अपनी एक एकड़ जमीन पर लगाया.

बांस की खेती के लिए उपयुक्त तकनीक

बांस की खेती के लिए उचित तकनीक और सावधानियां बहुत जरूरी हैं. इसके लिए गड्ढा 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा होना चाहिए. इसकी रोपाई के बाद नियमित सिंचाई और गोबर की खाद का इस्तेमाल (Organic Farming) आवश्यक है. इससे बांस के पौधे अच्छी तरह से बढ़ते हैं और 4 साल में पूरी तरह तैयार हो जाते हैं.

बांस की खेती का भविष्य

बांस की खेती का भविष्य उज्जवल दिखाई देता है क्योंकि इसकी उच्च मांग और व्यापक उपयोगिता के कारण यह न केवल किसानों के लिए लाभकारी है बल्कि पर्यावरण के लिए भी सहायक है. इस तरह, बांस की खेती नई पीढ़ी के किसानों के लिए एक आशाजनक और स्थायी विकल्प बन सकती है.