इन पेड़ों की खेती करके किसान हो सकते है मालामाल, बिना कोई एक्स्ट्रा मेहनत के होगी अच्छी कमाई

अब भी किसानों के पास कमाई का सबसे बढ़िया जरिया पेड़ों की खेती है। यही कारण है कि बहुत से राज्य सरकारें अपने किसानों को पौधे लगाने पर अनुदान देती हैं। पेड़ों की खेती के लिए किसान को धैर्य रखना बहुत जरूरी है।
 

अब भी किसानों के पास कमाई का सबसे बढ़िया जरिया पेड़ों की खेती है। यही कारण है कि बहुत से राज्य सरकारें अपने किसानों को पौधे लगाने पर अनुदान देती हैं। पेड़ों की खेती के लिए किसान को धैर्य रखना बहुत जरूरी है। दस से बारह वर्ष तक इंतजार करने से किसान को बड़ी कमाई मिलती है। 10 से 12 साल के बाद, प्रत्येक महोगनी, नीलगिरी और सागौन के पेड़ लगभग 1 लाख रुपये में बिक जाते हैं।

हर पेड़ में विशिष्ट गुण होते हैं। कुछ पेड़ों का हर हिस्सा बिकता है। सिर्फ कुछ की लकड़ियां बिकती हैं। वहीं, कई पेड़ कागज बनाने में इस्तेमाल किए जाते हैं। हम आपको ऐसे ही कुछ पेड़ों के बारे में बताएंगे जिनकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।

महोगनी की खेती

जहाज, गहने, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट और मूर्तियां सब महोगनी की लकड़ी से बनाए जाते हैं। यह वर्षों तक रहता है और जल्दी खराब नहीं होता। इसकी पत्तियों और बीजों का तेल कीटनाशक और मच्छर भगाने वाले उत्पादों में प्रयोग किया जाता है। इसका तेल भी साबुन, पेंट, वार्निश और कई दवाइयों में मिलता है। हर भाग बेच दिया जाता है।

सागवान की खेती

सागवान की लकड़ी दीमक नहीं लगती। यह लंबे समय तक सुरक्षित रहेगा। यही कारण है कि इससे बनाया गया सामान जल्द ही खराब नहीं होता। वहीं, पत्तियों और छाल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इनका भी उपयोग कई शक्तिवर्धक दवाओं में किया जाता है। इसकी लकड़ी प्लाईवुड, जहाज़, रेल के डिब्बे और फर्नीचर बनाने में मिलती है। 

सफेदा की खेती

सफेदा लकड़ी घरों के फर्नीचर, पार्टिकल बोर्ड और इमारतों को बनाने में प्रयोग की जाती है। बता दें कि इसके पौधे को कोई विशिष्ट मिट्टी या जलवायु की जरूरत नहीं है। इसे किसी भी स्थान पर उगाया जा सकता है। इस पेड़ की लकड़ियों का खाना बनाने के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में खूब होता है।