इस सब्जी की खेती करके किसान की चमक उठी किस्मत, केवल 2 महीने में कमा डाले 6 लाख रुपए
बिहार के किसानों (Farmers) ने परंपरागत खेती (Traditional Farming) की राह से इतर नगदी फसलों (Cash Crops) की ओर अपना रुख किया है। इसमें सबसे अधिक ध्यान सब्जी की खेती (Vegetable Farming) पर केंद्रित है जो उन्हें रोजाना नगद पैसे (Daily Cash) कमाने का अवसर प्रदान करती है। सब्जी की खेती में न केवल लागत (Low Cost) कम आती है बल्कि मुनाफा (Profit) भी अधिक होता है। इस परिवर्तन ने बिहार के कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत की है।
नेनुआ की खेती
नेनुआ (Sponge Gourd), हरी सब्जियों (Green Vegetables) में से एक है, जिसकी खेती बिहार के किसानों द्वारा व्यापक रूप से की जा रही है। बांका जिले के शंभूगंज प्रखंड स्थित नरौन गांव के किसान सभित सिंह (Sabhith Singh) पिछले 10 वर्षों से रबी फसल (Rabi Crop) के साथ सब्जी की खेती कर रहे हैं, जिसमें नेनुआ की खेती प्रमुख है। उनके अनुसार, जनवरी के अंत में नेनुआ के बीज (Seed Sowing) बोने से उत्पादन बेहतर होता है और कीमतें (Price) भी अच्छी मिलती हैं।
खेती की विधि और उत्पादन
नेनुआ की खेती के लिए पहले खेत की तीन बार जुताई (Ploughing) की जाती है, ताकि मिट्टी हल्की और भुरभुरी (Soft and Crumbly Soil) हो। इसके बाद, चार-चार फीट की दूरी पर तीन से चार बीजों को खुरपी की मदद से लगाया जाता है। बीज बोने के आठ दिन बाद से अंकुरण (Germination) शुरू हो जाता है और एक महीने में लता खेत में फैलने लगती है। डेढ़ से दो महीने में फलन (Fruiting) शुरू हो जाता है, और कीट नियंत्रण (Pest Control) के लिए जैविक या रसायनिक दवाओं का छिड़काव (Spraying) किया जाता है।
आय का स्रोत
किसान सभित सिंह बताते हैं कि सब्जी की खेती से उन्होंने कभी नुकसान (No Loss) नहीं उठाया है। रबी और सब्जी की खेती से वे सालाना 5 से 6 लाख रुपये (Annual Income) की कमाई कर लेते हैं, जो उनके लिए एक अच्छी आय का स्रोत है। यह उनके लिए न केवल आर्थिक स्थिरता (Financial Stability) प्रदान करता है बल्कि खेती के प्रति उनके जुनून (Passion) को भी दर्शाता है।