किसानों को 100 फ़ीसदी सब्सिडी के साथ मिलेगा कृषि ड्रोन, ड्रोन की मदद से किसानों की कई परेशानियों का होगा आसानी से समाधान
कृषि ड्रोन ने भारतीय किसानों को एक नई क्रांति ला दी है, जिसे सरकार अब पूरी तरह से सब्सिडी दे रही है। खेती को और भी सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए किसानों को इस नई तकनीकी विधि से पूरे खेतों में किटनाशकों को सही रूप से निकालने का एक नया तरीका मिल रहा है। तो चलिए जानते है भारतीय कृषि ड्रोनों की टॉप पिक ड्रोन कोण-सी है।
कार्बन फाइबर कृषि ड्रोन- मोड 2
इस ड्रोन की खासियत है उसमें 10 लीटर तक कीटनाशक और तरल पदार्थ भरने की क्षमता है। इसमें एनालॉग कैमरा तकनीक से फसलों की निगरानी को बढ़ावा देने का भी सुझाव है। इस ड्रोन की कीमत लगभग 3,60,000 रुपये रखी गई है।
S-550 स्पीकर ड्रोन
GPS और ग्राउंड कंट्रोल सुविधा के साथ, इसमें 10 लीटर तक कीटनाशक छीड़ने की क्षमता है। वॉटरप्रूफ बॉडी और सेंसरों से लैस यह ड्रोन किसानों को सुरक्षित और आसान खेती का अनुभव कराता है। इस ड्रोन की कीमत लगभग 4,50,000 रुपये रखी गई है।
केटी – डॉन ड्रोन
इसकी क्षमता है 10 से 100 लीटर तक तरल पदार्थ छीड़कने की, और मैप प्लानिंग फंक्शन से खेत का माप आसानी से किया जा सकता है। मौजूदा बाजार में इस ड्रोन की कीमत लगभग 3,00,000 रुपये रखी गई है।
IG ड्रोन एग्री
इस ड्रोन में 5 से 20 लीटर तक कीटनाशक और तरल उर्वरक भरने की क्षमता है। हवा में फर्राटेदार घूमने की योजना और उच्च गुणवत्ता के फीचर्स के साथ यह ड्रोन किसानों को एक नई दिशा में ले जा रहा है। इस ड्रोन की कीमत लगभग 4,00,000 रुपये रखी गई है। तो चलिए जानते है कृषि ड्रोनों के किसानों को क्या-क्या फायदे है।
समय और श्रम की बचत
कृषि ड्रोन से कीटनाशकों का छीड़ना घंटों की बजाय कुछ मिनटों में हो जाता है, जिससे किसानों को समय और श्रम में कमी होती है।
सटीक और उच्च निगरानी
ड्रोनों में एनालॉग कैमरा तकनीक होने से फसलों की सटीक निगरानी की जा सकती है, जिससे अधिक उत्पादन मिलता है। कृषि ड्रोन सेंसर्स की मदद से किसानों को फसलों में जोखिमों की सूचना देते हैं, जिससे समय पर उपचार किया जा सकता है।
सब्सिडी की जानकारी
सरकार ने निम्नलिखित वर्गों के किसानों को कृषि ड्रोन की खरीद पर सब्सिडी प्रदान की है। अनुसूचित जाति-जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाएं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को 50% सब्सिडी या अधिकतम 5 लाख रुपये आर्थिक सहायता के रूप में लाभ मिलेगा।
अन्य वर्ग के किसानों को अधिकतम 4 लाख रुपये की सहायता राशि और 40% सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। कृषि मशीनरी प्रशिक्षण के लिए ICAR संस्थानों, कृषि विज्ञानं केन्द्रों, और राज्य कृषि विश्व विद्यालय को भी इस तकनीक के प्रसार-प्रचार के लिए 100% तक सब्सिडी का लाभ होगा।
इस तरह, भारत सरकार द्वारा समर्थित कृषि ड्रोनों के साथ किसानों को सुरक्षित और उन्नत खेती का मार्ग प्रदान कर रही है, जिससे खेती में तकनीकी उन्नति होगी और किसानों को बेहतर उत्पादक बनने में मदद मिलेगी।