हरियाणा में पहली बार पहाड़ों को चीरकर बनाई जाएगी रेल्वे की जुड़वा सुरंग, 150 से ज्यादा स्पीड में दो ट्रेनें दौड़ेगी एकसाथ

भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई नए-नए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में रेलवे द्वारा ट्विन टनल पर तेजी से काम किया जा रहा है। यह देश का पहला जुड़वा सुरंग होगा।
 

भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई नए-नए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में रेलवे द्वारा ट्विन टनल पर तेजी से काम किया जा रहा है। यह देश का पहला जुड़वा सुरंग होगा।

इस 4.7 किलोमीटर लम्बी जुड़वा सुरंग हरियाणा डेवलमेंट कॉर्पोरेशन अरावली की पहाड़ियों में बनाया जाएगा। इस सुरंग का निर्माण वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत किया जा रहा है।

एक्सप्रेस-वे के साथ तैयार होगी ट्विन टनल

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर पर चलने वाली माल और यात्री ट्रेनें इस सुरंग से होकर गुजरेंगी। यह मार्ग सोहना और मानेसर के रास्ते पलवल और सोनीपत को जोड़ता है। इस सुरंग की ऊंचाई करीब 25 मीटर होगी और यह हरियाणा ऑर्बिट डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का हिस्सा होगी।

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे के साथ बनाया जा रहा है। इस सुरंग का निर्माण कार्य वर्ष 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा जाएगा।

रेल कॉरिडोर के कई फायदे

इस सुरंग के पूरा होने के बाद दिल्ली-एनसीआर पर रेलवे यातायात का बोझ कम हो जाएगा। इसके साथ ही दक्षिण हरियाणा, मानेसर, सोहना और सोनीपत के औद्योगिक क्षेत्र दिए जाएंगे।

यह कॉरिडोर ट्रेनों के लिए बाईपास का काम करेगा। इस कॉरिडोर से यात्री ट्रेनों को 160 किलोमीटर की रफ्तार से चलाया जा सकेगा।