Ganga Expressway: 36230 करोड़ की लागत से बनेगा देश का दूसरा सबसे लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, यूपी के इन 518 गांवों से होकर गुजरेगा नया एक्सप्रेसवे
महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन से पूर्व भारत एक नई इंजीनियरिंग कृति का गवाह बनने जा रहा है - गंगा हाईवे। 594 किमी की लंबाई के साथ यह मुंबई-नागपुर हाईवे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा हाईवे बन जाएगा। इस परियोजना के चालू होने से उत्तर प्रदेश जो कि पहले से ही देश में सर्वाधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य है को और भी मजबूती मिलेगी।
निर्माण की दिशा में आगे बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस विशाल परियोजना को वर्ष के अंत तक पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गंगा हाईवे जो मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों और 518 गांवों को जोड़ेगा ना सिर्फ यात्रा के समय को कम करेगा बल्कि क्षेत्रीय विकास में भी एक नई क्रांति लाएगा।
तकनीकी विशेषताएं और सुविधाएं
गंगा एक्सप्रेसवे की शुरुआत मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) से होगी और यह प्रयागराज (एनएच-19) पर समाप्त होगा। इस परियोजना का बजट 36,230 करोड़ रुपये है जो इसके विशालकाय स्वरूप और महत्व को दर्शाता है।
शुरूआती छह लेन से आठ लेन तक के विस्तार के साथ इस हाईवे पर यात्रा की गति 120 किमी/घंटा होगी। नौ सुविधा क्षेत्रों के साथ-साथ मुख्य और रैंप टोल प्लाजा इसे और भी उपयोगी बनाएंगे।
भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय अनुमति
7467 हेक्टेयर भूमि पर बनने वाले इस एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय अनुमतियों की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इस परियोजना में शामिल कंपनियां जैसे कि मेसर्स आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर और मेसर्स अदानी इंफ्रास्ट्रक्चर इसे सफलतापूर्वक निर्माण की ओर अग्रसर कर रही हैं।
आधुनिक भारत के विकास का प्रतीक
गंगा एक्सप्रेसवे केवल एक हाईवे नहीं बल्कि आधुनिक भारत के विकास का प्रतीक है। इसके निर्माण से न केवल यातायात में सुधार होगा। बल्कि यह उत्तर प्रदेश के विकास की नई गाथा भी लिखेगा। गंगा हाईवे का निर्माण न सिर्फ यात्रा को सुगम बनाएगा।
बल्कि यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन और रोजगार सृजन में भी योगदान देगा। इस प्रकार यह हाईवे उत्तर प्रदेश को एक नई दिशा और दशा प्रदान करेगा जिससे राज्य का चेहरा बदल जाएगा।