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महान अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में मुश्किल से मुश्किल परेशानी को आसानी से पार करने के तरीके बताये हैं। चाणक्य नीति में ये बताया गया है कि संसार में कोई भी आपके साथ बिना स्वार्थ के नहीं है और आपका स्वभाव ही है जो आपको गुलाम बना देता है।
नीति शास्त्र की ये नीति अगर आप समझ जाएं
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में वशीकरण के बारे में बताया है। खुद भी चाणक्य इसी नीति का पालन कर चतुराई और बुद्धिमानी से अपनी बात किसी से भी मनवा लेते थे। नीति शास्त्र की ये नीति अगर आप समझ जाएं तो दुनिया आपके कदमों में होगी और लोग आपके पीछे पीछे घूमेंगे।
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लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् स्तब्धमंजलिकर्मणा ।
मूर्खं छन्दानुवृत्त्या च यथार्थत्वेन पण्डितम् ।।
आचार्य चाणक्य इस श्लोक के जरिए कहते हैं कि चार प्रकार के स्त्री या पुरुष होते हैं, जिनको वश में किया जा सकता है। लालची, अंहकारी, मूर्ख और विद्वान
लालची
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कपटी और लालची किसी भी चीज को पाने के लिए कई हदों को पार कर देता है। लालची व्यक्ति मीठी मीठी बातें कर आपको अपने जाल में फंसाता है और जब काम बन जाता है तो पीछे मुड़कर भी नहीं देखता। ऐसे लोगों को धन देकर वश में किया जा सकता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि एक ही बार में सब ना दे । थोड़ा थोड़ा देकर ही लालची व्यक्ति को वश में रख सकते हैं।
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अंहकारी
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अंहकारी का अंहकार कभी ना तोड़े बल्कि उसके सामने हाथ जोड़कर या फिर उसकी तारीफ करके आप उसे अपने वश में कर सकते हैं। अंहकारी को तारीफ पसंद होती है और तारीफ करने वालों की बात वो हमेशा मान लेते हैं। इसके उलट अगर आप अंहकारी का अंहकार तोड़ने की कोशिश करेंगे तो वो आवेश में आकर कोई भी कदम उठा सकता है।
मूर्ख
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख वो होता है जिसे ना तो समाज का ज्ञान होता है और ना ही खुद का। ऐसे व्यक्ति अभद्र टिप्पणी करने से भी पीछे नहीं हटते हैं। मूर्ख हमेशा अपने मार्ग से भटक जाते हैं और छोटी गलती से बड़ी परेशानी मोल लेते हैं, मूर्ख हमेशा असफल होते हैं।
लेकिन मूर्खों को उपदेश पसंद होते हैं। तो अगर आपको किसी मूर्ख को वश में करना है तो उसे कठोर भाषा में बार बार उपदेश दें। एक मूर्ख को जीवन की सही राह दिखाने वाले व्यक्ति पसंद होते हैं, वो बात अलग है कि उपदेश सुनने के बाद भी मूर्ख मूर्ख ही रहेगा।
विद्वान
आचार्य चाणक्य के अनुसान ज्ञानी व्यक्ति को भी वश में किया जा सकता है। ज्ञानी व्यक्ति को सत्य की चाह होती है और ऐसे लोग सच सुनना और सच के साथ खड़ा रहना पसंद करते हैं। एक ज्ञानी व्यक्ति को सच बोलकर ही वश में किया जा सकता है। हमेशा सच बोलने के बाद अगर आप झूठ भी बोलेंगे को ज्ञानी व्यक्ति को वो बात भी सच ही लगेगी। क्योंकि तब वो आपके वश में होगा।