राजस्थान के इस जिले में मिला सोने का भंडार, अब ग्रामीणों को सता रहा है ये डर

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में सोने के भंडार की खोज ने एक तरफ जहां खुशी की लहर पैदा की है वहीं स्थानीय जनता में इसके कारण व्याप्त चिंता और आक्रोश की भी एक लहर है। इस लेख में हम इसी झगड़े को समझने का प्रयास करेंगे।
 

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में सोने के भंडार की खोज ने एक तरफ जहां खुशी की लहर दोडी है वहीं स्थानीय जनता में इसके कारण व्याप्त चिंता और आक्रोश की भी एक लहर है। इस आर्टिकल में हम इसी झगड़े को समझने का प्रयास करेंगे।

सोने की खोज से जगी उम्मीदें

घाटोल क्षेत्र में सोने का भंडार मिलने की सूचना (Gold Reserve News) ने स्थानीय निवासियों समेत पूरे राज्य में एक उत्साह का माहौल बना दिया है। इस खोज से जुड़ी संभावनाओं को देखते हुए लोगों में आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसरों की आशा जागी है।

स्थानीय जनता में विस्थापन का डर

वहीं, सोने के खजाने की इस खबर ने स्थानीय जनता में एक चिंता भी पैदा कर दी है। उन्हें भय है कि खनन कार्य के लिए उन्हें उनके पुश्तैनी घर और खेतों को खाली करना पड़ सकता है। इसी आशंका के चलते ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन (Protest Against Mining) शुरू कर दिए हैं।

ग्रामीणों की मांग और विरोध

ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर खनन प्रक्रिया को रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे न केवल वायु प्रदूषण (Air Pollution) बढ़ेगा बल्कि पंचायत राज के अधिकारों का हनन भी होगा। ग्रामीणों को इस बात का भी डर है कि खनन के लिए जमीन अधिग्रहण से आस-पास के गांवों के लोगों को पलायन (Migration) करना पड़ सकता है।

अधिकारियों का आश्वासन

इस संदर्भ में, अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि खनन कार्य से किसी भी परिवार को प्रभावित नहीं किया जाएगा और न ही अधिक जमीन की आवश्यकता होगी। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि खनन से न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश का विकास होगा और नए उद्योग-धंधे शुरू होने से लोगों को रोजगार (Employment Opportunities) मिलेगा।