सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आई खुशखबरी, मिड डे मील के लिए स्कूल में होंगे ये काम

हरियाणा के मौलिक शिक्षा निदेशक ने सरकारी स्कूलों में एक नई पहल की शुरुआत की है। जिसमें विद्यार्थियों को मिड-डे-मील में ताजी सब्जी और सलाद परोसने का निर्देश दिया गया है।
 

हरियाणा के मौलिक शिक्षा निदेशक ने सरकारी स्कूलों में एक नई पहल की शुरुआत की है। जिसमें विद्यार्थियों को मिड-डे-मील में ताजी सब्जी और सलाद परोसने का निर्देश दिया गया है। इस पहल का मकसद न केवल विद्यार्थियों को ताजगी भरा भोजन उपलब्ध कराना है।

बल्कि उन्हें स्वास्थ्यवर्धक खान-पान के प्रति जागरूक करना भी है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन की यह पहल न केवल शिक्षा की दुनिया में बल्कि समग्र सामाजिक विकास में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

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जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए विशेष निर्देश

सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस आदेश के तहत स्कूलों में किचन गार्डन बनाने के लिए जगह तलाशने का काम सौंपा गया है। जिन स्कूलों में जगह की कमी है। वहां विद्यालय की छत पर गमलों या पॉलीबैग में सब्जियाँ उगाने के लिए प्रोत्साहन दिया गया है। इससे छात्रों को प्राकृतिक संसाधनों का महत्व समझाने के साथ-साथ पर्यावरणीय शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।

पहले चरण की सफलता और दूसरे चरण की योजना

पहले चरण में 472 स्कूलों में किचन गार्डन की स्थापना की गई थी। जिसे बड़े पैमाने पर सफलता मिली। अब दूसरे चरण में 348 और स्कूलों में इसी तरह के गार्डन बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इन किचन गार्डन में बैंगन, टमाटर, पालक और टिंडा जैसी अन्य मौसमी सब्जियां उगाई जाएंगी। जिससे छात्रों को ताजगी भरा और पौष्टिक भोजन मिल सकेगा।

विद्यार्थियों को मिलने वाले लाभ

इस पहल से विद्यार्थियों को न केवल स्वस्थ भोजन की गारंटी मिलेगी। बल्कि उन्हें खाने की चीजों के स्रोतों को समझने का मौका भी मिलेगा। इसके अलावा यह उनमें स्व-सुस्थिता का भाव विकसित करेगा और उन्हें अपने आहार पर अधिक नियंत्रण देगा।

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समाज में बढ़ती जिम्मेदारी और शिक्षा के नए आयाम

इस तरह के उपक्रमों के द्वारा हरियाणा का शिक्षा विभाग न केवल शैक्षिक योगदान दे रहा है बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति भी अपना कर्तव्य निभा रहा है। यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करती है कि कैसे शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।