ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर सरकार ने जारी किए नए नियम, इन नियमों को तोड़ा तो होगी कार्रवाई

भारतीय कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर ट्राली का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है लेकिन हाल के वर्षों में इसका इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भी बढ़ गया है।
 

भारतीय कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर ट्राली का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है लेकिन हाल के वर्षों में इसका इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भी बढ़ गया है। विशेषकर मिट्टी और रेत खनन में इसके उपयोग की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी के साथ ही कई जरूरी नियमों का पालन करना भी अनिवार्य है जिसे अक्सर नज़रअंदाज किया जाता है।

ट्राली का रजिस्ट्रेशन

परिवहन अधिकारी शांति भूषण पांडे के अनुसार ट्रैक्टर का पंजीकरण तो कृषि कार्यों के लिए किया जाता है परंतु जब ट्राली का इस्तेमाल व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है तो उसका पंजीकरण अत्यंत जरूरी हो जाता है। इसके बिना, ऐसा उपयोग पूरी तरह से अवैध माना जाता है और इससे संबंधित कई कानूनी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

शहर में पंजीकरण की सुविधाओं की कमी

शांति भूषण पांडे ने यह भी बताया कि शाहजहांपुर शहर में ऐसी कोई भी फर्म नहीं है जो ट्राली का पंजीकरण करवा सके। इस कारण जिले में एक भी ट्राली पंजीकृत नहीं है। इस स्थिति के चलते समय-समय पर अवैध रूप से चलाई जा रही ट्रैक्टर ट्रालियों का चालान काटा जाता है और वैध कानूनी कार्रवाई की जाती है।

ट्राली रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

ट्राली का पंजीकरण करवाने के लिए कई दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है जिसमें फिटनेस, टैक्स, परमिट, इंश्योरेंस और ड्राइविंग लाइसेंस शामिल हैं। ट्राली के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रति टन 242 रुपए का टैक्स जमा करना पड़ता है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने पर ट्राली को एक विशेष नंबर प्रदान किया जाता है।

सवारी ढोने पर लगने वाला जुर्माना

यदि ट्रैक्टर ट्राली से सवारियां ढोने का कार्य किया जाता है तो इस पर 2200 रुपए प्रति सवारी के हिसाब से जुर्माना वसूल किया जाता है। यह जुर्माना इसलिए लगाया जाता है क्योंकि ट्रैक्टर ट्राली से सवारियां ढोना प्रावधानों के विपरीत है और इससे संबंधित कोई भी प्रावधान नहीं है।

ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता

किसी भी वाहन को संचालित करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है, और ट्रैक्टर ट्राली चलाने के लिए भी यही नियम लागू होता है। लाइट मोटर व्हीकल लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम तक के वाहन चला सकते हैं, जिसमें ट्रैक्टर ट्राली भी शामिल है।