भारत के इस राज्य में शादी करने पर सरकार देगी 10 लाख रुपए, बस पूरी करनी होगी ये शर्त

देश हो या विदेश, हर जगह पर्यटन को बढ़ाने के लिए सरकार कोई न कोई योजना लेकर आती रहती है। हाल ही में हांगकांग ने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 5 लाख की पेशकश की, इतना ही नहीं देश यात्रियों को मुफ्त फ्लाइट टिकट भी दे रहा है।
 

देश हो या विदेश, हर जगह पर्यटन को बढ़ाने के लिए सरकार कोई न कोई योजना लेकर आती रहती है। हाल ही में हांगकांग ने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 5 लाख की पेशकश की, इतना ही नहीं देश यात्रियों को मुफ्त फ्लाइट टिकट भी दे रहा है।

वहीं, कुछ महीने पहले इटली भी अपने देश में शादी करने के लिए 10 लाख रुपये का ऑफर दे रहा था। अब ऐसी ही एक योजना भारत में भी शुरू की गई है। राजस्थान सरकार ने सामाजिक समानता और एकता को बढ़ावा देने के लिए अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए बंपर राशि रखी है।

आपको बता दें कि पहले यह राशि 5 लाख रुपए थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है। आइए आपको इस योजना के बारे में विस्तार से बताते हैं।
  
अंतर्जातीय विवाह से प्रोत्साहन मिलेगा

अंतरजातीय जोड़े को 5 रुपये की जगह 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। राजस्थान सरकार ने अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए यह पहल शुरू की है। सरकार का कहना है कि ऐसा समाज में एकता बनाए रखने के लिए किया गया है. इससे समाज में एकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

पैसा कैसे दिया जाएगा?

डॉ। सविता बेन अंबेडकर इंटरकास्ट रिवाइज्ड मैरिज स्कीम के तहत 5 लाख रुपये 8 साल तक फिक्स्ड डिपॉजिट में रखे जाएंगे और बाकी 5 लाख रुपये जोड़े के संयुक्त बैंक खाते में जमा किए जाएंगे। बता दें, इस योजना में 2006 के दौरान करीब 50 हजार रुपये दिए गए थे।

जिसे बाद में 2013 में बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया। जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर यह राशि देती हैं। राज्य का योगदान 75 प्रतिशत और केंद्र का 25 प्रतिशत है।

उत्तर प्रदेश सरकार भी पैसा देती है

विवाह अनुदान योजना के तहत सरकार ने देश में लड़कियों की पढ़ाई से लेकर शादी तक हर तरह की योजना चलाई है। उत्तर प्रदेश सरकार भी गरीब परिवारों की बेटियों को उनकी शादी के लिए 51,000 रुपये देती है। इस योजना में केवल अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, सामान्य वर्ग के गरीब परिवार शामिल हैं।

इस योजना में परिवार की वार्षिक आय 46080 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और शहरी क्षेत्रों में परिवार की आय 56460 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। शादी के वक्त लड़की की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।

शादी की रकम राज्य ही नहीं केंद्र सरकार भी देती है

राज्य सरकार ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार ने भी समाज में भेदभाव को दूर करने के लिए इस योजना की शुरुआत की है। अंतरजातीय को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रति परिवार 2.5 लाख रुपये की सहायता देती है।

इसमें दंपती का आवेदन सही पाए जाने पर 1.5 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए जाते हैं, जिसे वे कभी भी निकाल सकते हैं और बाकी 1 लाख रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट में रख दिए जाते हैं।