शूटिंग टाइम से 9 घंटे लेट पहुंचे गोविंदा को इस एक्टर जड़ा था थप्पड़, उसी दिन से गोविंदा ने लिया बड़ा डिसीजन

एक समय था जब गोविंदा के नाम का जादू हर किसी के सिर चढ़कर बोलता था। उनकी फिल्मों के लिए लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता था। 'राजा बाबू', 'हीरो नंबर 1', 'कूली नंबर 1' जैसी फिल्मों ने उन्हें घर-घर में....
 

एक समय था जब गोविंदा के नाम का जादू हर किसी के सिर चढ़कर बोलता था। उनकी फिल्मों के लिए लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता था। 'राजा बाबू', 'हीरो नंबर 1', 'कूली नंबर 1' जैसी फिल्मों ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया था। उनकी फिल्में सिर्फ मनोरंजन ही नहीं करती थीं बल्कि उनका कॉमिक अंदाज भी लोगों को खूब भाता था।

गोविंदा और अमरीश पुरी के बीच की यह घटना फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में एक ऐसी कहानी के रूप में दर्ज हो गई है जो समय की पाबंदी और प्रोफेशनलिज्म के महत्व को रेखांकित करती है। इस घटना ने यह भी दिखाया कि कैसे एक छोटी सी गलती या अनदेखी बड़े परिणामों का कारण बन सकती है।

थप्पड़ का घटनाक्रम

इस चमकदार स्टारडम के बीच एक ऐसी घटना घटी जिसने सबको चौंका दिया। वह घटना थी गोविंदा को सरेआम थप्पड़ मारे जाने की। और यह काम किसी और ने नहीं बल्कि अनुभवी और प्रतिष्ठित अभिनेता अमरीश पुरी ने किया।

अमरीश पुरी जिन्होंने अपने अभिनय करियर में कई यादगार और खूंखार विलेन के किरदार निभाए उन्हें उनके समय की पाबंदी और प्रोफेशनलिज्म के लिए भी जाना जाता था।

समय की पाबंदी पर विवाद

गोविंदा और अमरीश पुरी एक साथ एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे जिसके लिए सुबह 9 बजे का समय निर्धारित था। जहां अमरीश पुरी समय पर सेट पर पहुँच गए थे वहीं गोविंदा लगभग 9 घंटे देरी से पहुँचे। इस देरी के कारण अमरीश पुरी बेहद नाराज हो गए और इसी नाराजगी का परिणाम था वह थप्पड़ जो उन्होंने गोविंदा को मारा।

परिणाम और प्रतिक्रिया

इस घटना ने न केवल दोनों कलाकारों के सबंधों बीच की दरार कर दिया। बल्कि गोविंदा ने तो यह फैसला कर लिया कि वे भविष्य में अमरीश पुरी के साथ कभी काम नहीं करेंगे। इस घटना ने दिखाया कि कैसे समय के पाबंदी की कमी और प्रोफेशनलिज्म के प्रति असम्मान के कारण किसी भी संबंध में दरार आ सकती है।