क़भी सोचा है क्या कि नल की टोटी बाई तरफ ही क्यों खुलती है, जान लो असली कारण

आज जब मैं नहाने के लिए नल की टोटी खोली, मैंने सोचा कि आखिर ये बाईं ओर ही क्यों खुलती है। मैंने सोचा कि यह सिर्फ नल के साथ होगा, लेकिन जब मैं घर में सब कुछ खोला।

 

आज जब मैं नहाने के लिए नल की टोटी खोली, मैंने सोचा कि आखिर ये बाईं ओर ही क्यों खुलती है। मैंने सोचा कि यह सिर्फ नल के साथ होगा, लेकिन जब मैं घर में सब कुछ खोला।

जिसमें बोतल, डिब्बे और घर के अन्य सामान शामिल थे, तो मैंने देखा कि दरवाजे पर एक नट बाईं ओर खुल रहा था। चलिए जानते हैं क्यों होता है। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है। 

क्यों सब कुछ बाईं ओर खुलता है?

ताकत इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण है। दरअसल, हर खुलने और बंद होने वाली चीज खांचों से जुड़ी होती है, जिन्हें अग्रेजी में स्क्रू या थ्रेड कहा जाता है। जैसा कि आप जानते हैं, किसी चीज को खोलने में बहुत शक्ति नहीं लगती।

लेकिन कसने में बहुत शक्ति लगती है। खांचे एक ही तरह से बनाए जाते हैं; बाईं ओर घुमाने पर वह खुलता है, दाईं ओर घुमाने पर बंद होता है।

वैज्ञानिक भाषा में समझिए

आपको पता है कि कलाई और हमारी कोहनी के बीच दो हड्डियां हैं। जिनमें से एक को रेडियस और दूसरे को अलना कहा जाता है। यानी तकनीकी तौर पर, बाईं ओर कलाई घूमना प्रोनेशन है। हमारे हाथ की प्रोनेटर मांशपेशियां प्रोनेशन के इस प्रक्रिया में काम करती हैं।

यह थोड़ा कमजोर है क्योंकि प्रोनेटर मांसपेशियां रेडियस नामक हड्डी के आधे हिस्से से शुरू होती हैं। किसी चीज को खोलने के लिए हम उसे बाईं ओर घुमाते हैं क्योंकि बंद करने की अपेक्षा उसमें बल अधिक लगता है।

ठीक उसी तरह, जब हम अपनी कलाई को दाहिनी ओर घुमाते हैं, हमारे हाथ की सपिनेटर मांसपेशियां काम करती हैं, जो सपिनेटर मांसपेशियों से कोहनी से भी ऊपर की हड्डी से जुड़ी होती हैं। जब हम अपनी कलाई को दाहिनी ओर घुमाते हैं।

तो हमारी सपिनेटर मांसपेशियां और ऊपर से बाइसेप की मांसपेशियां दोनों का बल मिलता है। इसलिए, क्योंकि हम किसी भी चीज को दाईं ओर घुमा रहे हैं, हम उसे कसते समय काफी बल लगा सकते हैं।