शराब पीने के बाद कुछ लोगों क़ैसे बोलने लग जाते है इंग्लिश, रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली बातें
हालिया अध्ययन में एक विशेष खोज की गई है कि शराब का सेवन (Alcohol Consumption) व्यक्ति को दूसरी या विदेशी भाषा (Foreign Language) में फर्राटेदार बोलने की क्षमता प्रदान करता है। इस अध्ययन को विश्वविख्यात यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल, मैश्ट्रिच्ट यूनिवर्सिटी और किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने अंजाम दिया है।
शराब और भाषा सीखने के बीच का संबंध जटिल है, लेकिन यह अध्ययन भाषा सीखने के नए आयामों को उजागर करता है। यह दर्शाता है कि कैसे शराब का सेवन कुछ मामलों में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, विशेष रूप से जब यह भाषा सीखने और संवाद करने की क्षमता को बढ़ाने की बात आती है।
शराब का सेवन और भाषाई कौशल
अध्ययन के अनुसार, शराब का सेवन करने के बाद लोगों में द्विभाषी भाषा कौशल (Bilingual Language Skill) में सुधार देखा गया। विशेषकर, जिन व्यक्तियों की मातृभाषा हिंदी है, उन्होंने शराब के नशे में फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना शुरू कर दिया।
आत्मविश्वास और सोशल एंग्जाइटी पर प्रभाव
शराब न केवल भाषाई कौशल को सुधारती है बल्कि इससे व्यक्ति में आत्मविश्वास (Self-Confidence) भी बढ़ता है और सोशल एंग्जाइटी (Social Anxiety) कम होती है। इससे व्यक्ति अधिक सहजता से और निर्भीकता से दूसरी भाषा में संवाद कर पाता है।
अध्ययन की प्रक्रिया
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को नीदरलैंड में जर्मन बोलने वाले छात्रों पर किया, जो हाल ही में डच सीख रहे थे। शराब का सेवन करने के बाद, ये छात्र डच में अधिक धाराप्रवाहता से संवाद करने में सक्षम हो गए।
भाषा सीखने में शराब का प्रभाव
इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि शराब का सेवन कुछ हद तक भाषा सीखने की प्रक्रिया में मददगार हो सकता है, खासकर जब यह आत्मविश्वास बढ़ाने और सोशल एंग्जाइटी को कम करने की बात आती है। हालांकि, इसका उपयोग संयम में ही किया जाना चाहिए।